Kissa – A – IAS : मात्र 6 दिन की कलेक्टरी
IAS होने के बाद कलेक्टर बनना सबका सपना होता है। लेकिन, यदि किसी को कलेक्टर की कुर्सी मिल जाए और सप्ताह भर बाद उसे हटा दिया जाए, तो उसे कैसा लगेगा! पर, ये हुआ है। श्रीराम वेंकटरमण 2012 के यूपीएससी टॉपर थे। इस परीक्षा को पास करने में लोगों को 5-10 साल लग जाते हैं। वहीं कुछ ऐसे चुनिंदा आईएएस होते हैं, जिन्हें जल्दी कलेक्टरी मिल जाती है। लेकिन, यदि सिर्फ 6 दिन में किसी कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया जाए, तो उसे कितना दुःख होगा। ऐसा ही श्रीराम वेंकटरमण के साथ हुआ।
केरल में एक ऐसे IAS हैं, जिन्हें केवल 6 दिन के लिए ही DM (कलेक्टर) बनाया गया। इस IAS अफसर का नाम है श्रीराम वेंकटरमण! इन्हें हटाने का कारण था इनके ऊपर लगे आरोप। श्रीराम वेंकटरमण पर आरोप था कि उन्होंने नशे में अपनी गाड़ी से एक पत्रकार को टक्कर मारी थी। जिससे एक्सीडेंट में पत्रकार की मौत हो गई। जांच में पता चला कि जिस कार ने बशीर को टक्कर मारी, उसे श्रीराम वेंकटरामन चला रहे थे। इसी को लेकर उनका विरोध हुआ था।
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3 अगस्त 2019 को हुई इस घटना में IAS श्रीराम वेंकटरमण को मुख्य आरोपी बनाया गया। केरल सरकार ने जब उन्हें अलपुझा जिला कलेक्टर बनाया, तो लोगों ने उनका विरोध किया और सरकार को उन्हें DM के पद से हटाकर दूसरी जगह ट्रांसफर करना पड़ा। उन्हें 24 जुलाई को उन्हें कलेक्टर नियुक्त किया गया था और उन्होंने 26 जुलाई को ज्वाइन किया था। 1 अगस्त को उन्हें इस पद से हटा दिया गया। जब मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया तो मुख्यमंत्री ने श्रीराम वेंकटरमण की पोस्टिंग केरल स्टेट सिविल सप्लाइस कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर के तौर पर की।
तिरुवनंतपुरम जिला अदालत ने IAS श्रीराम वेंकटरमन पर लगे हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया। केरल सरकार ने भी 2020 में वेंकटरमन का निलंबन रद्द कर दिया। उसके बाद उन्हें हेल्थ डिपार्टमेंट का ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया गया।
श्रीराम वेंकटरमण 2012 के यूपीएससी एग्जाम के सेकंड टॉपर हैं। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई भी की। उनका जन्म 28 नवंबर 1986 को पनाम्पिल्ली नगर कोच्चि में हुआ था। इनके पिता पीआर वेंकटरमण एक रिटायर जूलॉजी प्रोफेसर और करियर कंस्लटेंट भी हैं। उनकी मां राजम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में काम करती थीं। उन्होंने 2004 में भावांश विद्या मंदिर-गिरिनगर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। 2010 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से एमबीबीएस किया। इसके बाद श्रीराम चंद्र भांजा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कटक से जनरल मेडिसिन में एमडी किया। उन्होंने 2012 में अपने दूसरे अटेंप्ट में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास की। वह अपने बैच के सेकेंड टॉपर थे। बाद में उन्होंने फुलब्राइट छात्रवृत्ति के साथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एमपीएच किया।
श्रीराम को पढ़ना, फिल्में देखना, ट्रेवल और फोटोग्राफी करना बहुत पसंद है। श्रीराम एक प्लेयर भी हैं। उन्हे बास्केटबॉल और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है। ग्रेजुएशन करने के बाद श्रीराम का एक दोस्त लखमी ने उससे यूपीएससी परीक्षाओं के लिए प्रयास करने के लिए कहा। श्रीराम के दोस्त लखमी ने कहा कि अगर श्रीराम आईएएस बन जाता है, तो वह अपनी मेडिकल नॉलेज का अच्छा उपयोग कर पाएगा। श्रीराम ने उनके दोस्त के सुझाव बारे में विचार किया और आखिर में यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया।
शादी भी आईएएस से ही की
आईएएस श्रीराम वेंकिटरमण ने शादी भी आईएएस रेनू राज से की है। श्रीराम की यह पहली शादी थी, लेकिन रेनू राज की यह दूसरी शादी थी। रेनू के लिए आईएएस अफसर बनना बचपन का सपना था।
रेनू कहती हैं कि उन्होंने दिसंबर 2013 से रोजाना 3 से 6 घंटे के बीच पढ़ाई की। वह हमेशा सही खाने का ध्यान रखती थीं और 7 घंटे सोती थीं और हमेशा सही समय पर भोजन करती थी। शायद उनके मेडिकल ज्ञान ने इस मामले में उसका मार्गदर्शन किया। डॉ रेनू राज की देश के लोगों की मदद करने की धारणा, चाहे वह एक डॉक्टर के रूप में हो या एक सिविल सेवक के रूप में, उनके दिमाग में बहुत साफ रही है।