Story of Shejwar : डॉ शेजवार की कहानी के राजनीतिक मंतव्य!

उन्होंने कहानी सुनाई 'एक साल बाद राजा और उसका घोड़ा भी मरेगा!'

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Story of Shejwar : डॉ शेजवार की कहानी के राजनीतिक मंतव्य!

Raisen : भाजपा के पूर्व मंत्री गौरीशंकर शैजवार इन दिनों हाशिए पर हैं। 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन था। उन्हें शुभकामनाएं देने पहुंचे सभी लोगों के प्रति उन्होंने आभार व्यक्त किया। डॉ शेजवार को

जन्मदिन कि शुभकामनाएं देने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ जयप्रकाश किरार सहित कई लोग पहुंचे।

अपने समर्थकों को डॉ गौरीशंकर शेजवार ने ग्राम बारला स्थित निवास पर संबोधित किया। उन्होंने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को एक कहानी भी सुनाई। उनकी इस कहानी के अब राजनीतिक संदर्भ जोड़े जा रहे हैं। डॉ शैजवार ने जो कहानी सुनाई वो इस प्रकार है।

उन्होंने जो कहानी सुनाई वो इस प्रकार है! राजा के मुकुट को गायब करने के आरोप में एक जादूगर को फांसी की सजा सुनाकर कालकोठरी में डाल दिया जाता है। फांसी देने के एक दिन पहले जादूगर राजा से मिलता है। तब जादूगर खूब रोता है। राजा उससे कहता है कि अब रो रहे हो, जब मेरा मुकुट गायब कर रहे थे, तब नहीं सोचा था। … तो जादूगर कहता है, कि महाराज मैं उस कारण नहीं बल्कि इस कारण रो रहा हूं कि मैंने एक घोड़ा उड़ाने का प्रयोग किया है, जो राजा उस घोड़ा पर बैठेगा वह भी उड़ेगा और अपने दुश्मन की फौज को मारता- काटता चला जाएगा।

… तब राजा ने जादूगर से कहा कि तो क्या तुम्हारे इस प्रयोग से मेरा घोड़ा भी उड़ सकेगा। जादूगर ने कहा हां। राजा के मन में ख्याल आया कि यदि मेरा घोड़ा उड़ने में सफल हो गया, तो मैं महान राजा बन जाऊंगा। राजा ने जादूगर से पूछा कि तुम्हारे इस प्रयोग में कितना समय लगेगा, जादूगर ने कहा एक साल। राजा ने जादूगर को छोड़ने के आदेश दे दिए कि अब इसे एक साल बाद फांसी दी जाएगी।

जादूगर खुशी से अपने घर पहुंचा। उसकी पत्नी व परिजनों ने आश्चर्य से पूछा तो उसने राजा के साथ हुए वार्तालाप को बताया। पत्नी व परिजन यह सुनकर दुखी हो गए कि अभी छोड़ दिया तो क्या अगले साल फांसी होना ही है। तब जादूगर ने पत्नी से कहा अरे भाग्यवान दुखी क्यों होती है। एक साल का समय बहुत होता है। एक साल बाद राजा भी मरेगा और उसका घोड़ा भी मरेगा।

डॉ शेजवार ने कहानी का समापन करते हुए कहा कि इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता। इस कहानी को अब लोग अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं और समझ रहे हैं कि इस कहानी का क्या मतलब है!