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Rahul Gandhi : राहुल ने शादी के लिए अपनी पसंद बताई, कोई है ऐसी लड़की!
New Delhi : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के प्रणेता राहुल गांधी की शादी को लेकर अकसर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन, शादी के सवाल पर राहुल गांधी ने अपनी पसंद बताई। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी लड़की चाहिए जिसमें मेरी मां और दादी दोनों के गुण हों!’ क्योंकि दादी मेरा पहला प्यार है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने यू ट्यूब चैनल ‘मैशेबल इंडिया’ के बॉम्बे जर्नी स्पेशल एपिसोड में कई मुद्दों पर सवालों के जवाब दिए। यह इंटरव्यू मंगलवार को यूट्यूब पर जारी किया गया।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शादी पर सवाल हुआ। जवाब बेहद दिलचस्प था। राहुल यात्रा के दौरान अपनी दादी इंदिरा गांधी के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा ‘इंदिरा गांधी उनके जीवन का प्यार हैं, उनकी दूसरी मां हैं।’ इसी जवाब पर फिर सवाल हुआ कि क्या ऐसी ही महिला से शादी करना चाहते हैं, जिसमें आपकी दादी जैसे गुण हों। शादी के लिए क्या ऐसी ही लड़की चाहिए? इस पर राहुल ने कहा ‘यह दिलचस्प सवाल है। मैं ऐसी महिला चाहूंगा, जिसमें मेरी मां और दादी दोनों के गुण हों, वह अच्छा रहेगा।’
उनसे पूछा गया कि ‘कोई पप्पू बोलता है, तो क्या कभी यह बात दिल पर लगी?’ राहुल का जवाब था ‘नहीं, ये प्रोपेगैंडा कैंपेन है और यह उनके दिल की बात है। ये उन लोगों के भीतर डर है, जिनकी लाइफ में कुछ नहीं हो रहा।’
सवाल किया गया कि आपकी दादी को आयरन लेडी ऑफ इंडिया कहा जाता है? राहुल ने जवाब दिया ‘उन्हें गूंगी गुड़िया भी कहा गया था। जो लोग मुझ पर 24 घंटे हमला करते हैं, उन्हीं लोगों ने इंदिराजी को गूंगी गुड़िया कहा था। फिर वह महिला आयरन लेडी बन गईं। वो हमेशा से ही आयरन लेडी थीं।’
आपका साइकिलिंग में भी काफी ज्यादा इंट्रेस्ट है? राहुल ने कहा ‘हां है, मैं कुछ न कुछ स्पोर्ट्स या तपस्या करता रहता हूं। मेरे पिता एक पायलट थे। मैंने उनसे सीखा। ये प्लेन उड़ाना आपके एटीट्यूड और वे ऑफ थिंकिंग है। मेरे पिता ने मुझसे एक बात कही थी। उन्होंने कहा था कि तुम प्लेन उड़ाना, प्लेन तुम्हें उड़ाए ऐसा मत होने देना। मायने ये थे कि आप यानी पायलट हमेशा प्लेन के आगे रहता है। पायलट 30 हजार की ऊंचाई से चीजों को देखता है। जो आप उस ऊंचाई से देखते हैं, वह आपको सड़क पर दिखाई नहीं देंगी। पायलट हमेशा ऊंचाई से देखता है। आप देख पाते हैं कि समस्याएं कहां हैं।
अगला सवाल था ‘2010 में आपने ट्रेन से एक यात्रा शुरू की थी, क्या मोटिवेशन था?’ इसका जवाब राहुल ने दिया कि ‘2010 से नहीं। मैं हमेशा ये यात्राएं करता हूं। कुछ राजनीतिक कारणों से प्रेस मुझे निशाना बनाता है। जो मैं शुरू करता हूं, उसमें अवरोध खड़ा करता है। जो भी मैं करता हूं, उसके कुछ चुनिंदा पहलू ही प्रेस दिखाता है। मैं यह जानना चाहता हूं कि एक अप्रवासी मजदूर होना क्या होता है। मैं थर्ड क्लास में बैठा, उसमें किसी गोरखपुर से आए पेंटर से बात की। जो भी मेरे सामने आता है, उसे समझना चाहता हूं।’
अगला सवाल था ‘आपके पास कार और बाइक्स हैं, लैंड क्रूजर है? उनका जवाब ‘वास्तव में मैं किसी कार का मालिक नहीं हूं। मेरी मां की कार है, उसे ही चलाता हूं। मैं कार में इंट्रेस्टेड कभी नहीं रहा। हां, ड्राइविंग में मेरा इंट्रेस्ट है। मेरे पास मोटर बाइक है। मैं मोटर बाइक में इंट्रेस्टेड नहीं हूं, पर उसे चलाना मुझे पसंद है। आप मुझसे कार, इंजिन के बारे में बात करिए। मैं 90 फीसदी बातें सही बता सकता हूं। मैं कार ठीक कर सकता है। मैं चलना पसंद करता हूं। मैं हवा, पानी या जमीन मुझे तेज चलना पसंद है। मुझे पुरानी लैम्ब्रेटा भी उतनी ही पसंद है, जितनी कि आज की गाड़ियां पसंद है। दो स्ट्रोक होती है। खतरनाक है। कुछ देर वो कुछ नहीं करती और अचानक वो भागती है। एप्रीलिया RS-250 बाइक मेरी जिंदगी का प्यार है। मैं उसे लंदन में पढ़ाई के दौरान चलाता था।
उनसे पूछा गया कि भारत में कौन सी जगह से आप ज्यादा जुड़े हुए हैं, दिल्ली या मुंबई? राहुल ने इस सवाल पर कहा ‘दिल्ली, लेकिन वहां राइडिंग बहुत खतरनाक है। मैं साइकिलिंग को मोटर साइकिलिंग पर ज्यादा तरजीह देता हूं। उसमें आपके शरीर की ताकत लगती है। मुंबई में मेरे पिता का जन्म हुआ था। मैंने यहां ज्यादा वक्त नहीं गुजारा है। मैं यहां के फूड के बारे में भी नहीं जानता, क्योंकि खाने को लेकर सतर्क रहता हूं। ज्यादा ऑयली नहीं खाता। ज्यादा शुगर भी नहीं खाता।