उज्ज्वला योजना के सिलेंडर कबाड़ में बताकर चलाई खबर, जांच में रिलायंस कंपनी के निकले सिलेंडर

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भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिण्ड। बीते दिनों एक कबाड़ी की दुकान पर एक साथ कई सिलेंडर मिलने से हड़कंप मच गया। जहां एक निजी चैनल ने इसे उज्जवला योजना के सिलेंडर बताते हुए यह खबर चलाई कि लोगों के पास गैस भरवाने के पैसे ना होने से उज्जवला योजना के सिलेंडर उन्होंने कबाड़े में बेच दिए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भी वीडियो को शेयर कर भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया।

खबर चलने और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो ट्वीट किए जाने से प्रशासन में भी हड़कंप मच गया और कलेक्टर द्वारा आनन-फानन में इसकी जांच दबोह तहसीलदार, सहायक आपूर्ति अधिकारी भिण्ड एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी लहार को सौंपी गई। जांच टीम द्वारा वीडियो के सोर्स का पता लगाया गया तो मालूम पड़ा कि वीडियो में दिखाई गई कबाड़ी की दुकान दबोह के चौक मोहल्ला निवासी रामसेवक खटीक की है। उससे जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह सिलेंडर उसे रवि गुप्ता द्वारा बेचे गए थे। लेकिन किसी ने इसके वीडियो बनाकर खबर चला दी। ऐसे में कबाड़ी ने कार्यवाही के डर से वह सिलेंडर वापस रवि गुप्ता को दे दिए। जिसके बाद जांच टीम रवि गुप्ता के पास पहुंची, तो रवि गुप्ता ने बताया कि यह सिलेंडर सरकारी गैस एजेंसी के ना होकर 1999 में आई कंपनी रिलायंस के हैं। उन्होंने रिलायंस का डिस्ट्रीब्यूशनशिप लिया था लेकिन कुछ समय बाद ही 2004 में कंपनी बंद हो गई। ऐसे में उन्होंने कंपनी से सिलेंडर वापस ले जाने की मांग की। लेकिन कंपनी द्वारा सिलेंडर वापस ना ले जाने पर वह सालों से अनुपयोगी पड़े थे। ऐसे में दिवाली से पहले की जा रही सफाई में उन्होंने सिलेंडरों को कबाड़ में बेच दिया।

उज्ज्वला योजना

ऐसे में जांच टीम द्वारा पाया गया कि यह सिलेंडर उज्जवला योजना के ना होकर निजी कंपनी के थे। जांच टीम द्वारा जांच में पाया गया कि सिलेंडर की एक्सपायरी डेट भी निकल चुकी है, साथ ही 17 सालों से पड़े-पड़े यह पूरी तरह खराब भी हो चुके हैं, ऐसे में यह निजी सिलेंडर भी बेकार हो चुके हैं। जिसके बाद कलेक्टर द्वारा पत्र जारी कर सफाई देते हुए निजी चैनल पर चलाई गई खबर को असत्य और भ्रामक बताया गया।

इस बारे में जब लहार एसडीओपी अवनीश बंसल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिलेंडर कबाड़े के नहीं बल्कि 2004 में बंद हो चुकी है रिलायंस कंपनी के हैं। डिस्ट्रीब्यूटर का लगभग एम लाख रुपये कंपनी पर फंसे थे, लेकिन कंपनी ने सिलेंडर वापस नहीं लिए। ऐसे में धूल, बारिश, हवा से यह सिलेंडर पूरी तरह से खराब हो चुके हैं जिसके बाद सिलेंडर मालिक रवि गुप्ता ने इन्हें कबाड़ी को बेच दिया। लेकिन खबर चलने के बाद कबाड़ी ने इनको रवि गुप्ता को वापस कर दिया।
बाइट- अवनीश बंसल, एसडीओपी लहार