मातृ दिवस पर लाड़लियों का सम्मान एक सुंदर तस्वीर है …

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“मदर्स डे” अब दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसमें अधिकांश देश मई के दूसरे रविवार को इसे मनाने की अमेरिकी प्रथा का नेतृत्व करते हैं। 2022 में मई के इस दूसरे रविवार 8 मई को मातृ दिवस पर मध्यप्रदेश सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी-2 का आयोजन भी किया। यह भाजपा सरकार के प्लानर्स की सोच हो या महज संयोग, दोनों ही स्थितियां सुखद और बहुत सुंदर हैं। आयोजन चाहे भोपाल में हो रहा हो या विदिशा में …तस्वीरें दोनों जगह की ही मन को भाती हैं। शिवराज कह रहे हैं कि 2005 में मैं जब मुख्यमंत्री बना, तब ही सोच लिया था कि लाड़लियों को लक्ष्मी बनाना है। पर महत्वपूर्ण यह है जो उन्होंने कहा कि लिंगानुपात को बढ़ाकर 958 पर ला दिया है और कहा कि लक्ष्य लिंगानुपात को बराबरी पर लाने का है।
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यह उम्मीद हर मां को सुकून देने वाली है। और लाड़ली लक्ष्मियां जो आयोजन स्थलों पर दिख रही हैं, उन्हें सुनियोजित तरीके से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचाया जा सकता है…लेकिन लाड़ली के चेहरे पर बनावटी मुस्कान नहीं लाई जा सकती, यह मुस्कान ही मन को छूने वाली है। और यह तय है कि लिंगानुपात बढ़ाने का भागीरथी प्रयास बिना समर्पण के संभव नहीं है। इसमें प्रयास सरकार के हों या फिर संगठन ने भी कंधे से कंधा मिलाकर काम किया हो, लेकिन तस्वीर बता रही है कि प्रयास सही दिशा में हुए हैं। इससे तस्वीर सुंदर बन पड़ी है और इसमें जहां भी कुछ कमी है, वह भी दूर हो जाएंगीं…मन में यह विश्वास पैदा न हो, ऐसी कोई खास वजह नहीं है।
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हमारे एक मित्र ने अफ्रीका के तंजानिया का जिक्र किया कि वहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। वहां काफी समय बिता चुके मित्र ने दावा किया कि वहां महिलाओं के विरुद्ध अपराध की कल्पना नहीं की जा सकती। जो सुखद तस्वीर उनकी आंखों में कैद है, वह बहुत ही सुखद है और बहुत ही सुंदर है। मध्यप्रदेश की चिंता अगर कुछ है तो यही है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से मुक्ति मिल जाए। तो शायद यह माना जा सकता है कि जब वास्तव में महिला-पुरूष लिंगानुपात बराबरी पर लाने का जो प्रयास हो रहा है, वह प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में और महिलाओं के खिलाफ अपराध से मुक्त होने की दिशा में भी सकारात्मक परिणाम लाए। और उम्मीद यही है कि हर साल का मदर्स डे…लाड़ली लक्ष्मियों को और ज्यादा समृद्धि से परिपूर्ण करता रहे…साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराध भी खत्म होते जाएं। तब “मामा” होने का पूरा फर्ज अदा कर शिवराज के सपनों का मध्यप्रदेश आकार ले पाएगा।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद है जिन्होंने बालिका सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि समाज में कभी बेटियों को अभिशाप माना जाता था, लेकिन बेटियों को वरदान बनाने का काम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। आज मध्यप्रदेश में 42 लाख से अधिक बेटियां लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित हुईं हैं। लाड़ली लक्ष्मी सिर्फ योजना नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का अभियान बना है।

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लाड़ली लक्ष्मी बेटियां मध्यप्रदेश को आगे ले जाने का काम करेंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटियों के चेहरों पर मुस्कान आती है तो मेरी जिंदगी सफल हो जाती है। आज मेरी जिंदगी सफल हो गई और मुख्यमंत्री बनना सार्थक हो गया। प्रदेश में आज 42 लाख 14 हज़ार  लाड़ली लक्ष्मी बेटियां हो गई हैं। कभी बच्चों की आंखों में आंसू न आएं यही मेरी कामना है। हर साल 2 मई से 12 मई तक लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जाएगा। उम्मीद बस यही कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश कदम-दर-कदम उपलब्धियां हासिल करे और हमारी लाड़लियों को बुरी नजर छू भी न पाए। मातृ दिवस पर लाड़लियों का सम्मान एक सुंदर तस्वीर है … यह तस्वीर सुंदरतम बने, यही उम्मीद है।