A Big Blow to Rajasthan Congress: आदिवासी दिग्गज महेन्द्र सिंह मालविया BJP में शामिल
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
राजस्थान भाजपा ने सोमवार को एक बड़ा खेला कर दिया और दक्षिणी राजस्थान के बड़े आदिवासी दिग्गज नेता बांसवाड़ा जिले के बागीदौरा से लगातार कांग्रेस से विधायक बन रहे महेन्द्र जीत सिंह मालविया को भाजपा में शामिल कर लिया। पिछले कुछ दिनों से मालविया के कांग्रेस से नाराज होने और भाजपा में शामिल होने की खबरे चर्चाओ में थी। उनकी नाराजगी मुख्य रूप से उन्हे विधान सभा में प्रतिपक्ष का नेता नही बनाने पर थी। उनके स्थान पर टीका राम जूली को राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त कर देने से वे और अधिक खफा हो गए।मालविया ने इस मिशन के लिए कई दिनों तक दिल्ली में डेरा जमाया लेकिन उन्हें न तो कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मिला और न ही वांछित पद मिला।
मालविया ने पिछले दिनों एक बयान दिया कि उन्हें अशोक गहलोत सरकार में तीन वर्ष तक मंत्री नही बनाया गया और दक्षिणी राजस्थान के वागड़ मेवाड़ क्षेत्र में भारतीय आदिवासी पार्टी के बढ़ते प्रभाव के बावजूद उनकी लगातार सफलताओं को नजर अंदाज किया गया।
मालविया एक महत्वाकांक्षी नेता है और वागड़ के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के वक्त से ही वे छात्र राजनीति में सक्रिय होकर तेजी से वागड़ की राजनीति में उभरे है और धीरे धीरे कांग्रेस की राजनीति में वागड़ के एक छत्र नेता बन गए। मालविया ने मानगढ़ और बेणेश्वर धाम पर कांग्रेस की बड़ी रैलियों को अंजाम देने में भी कहती भूमिका निभाई ।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास दिनेश खिड़निया का उन्हे लगातार साथ मिला और वागड़ के कई नेता पृष्ठभूमि में चले गए। पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा जैसे नेता आज भी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहें है । अब मालविया के भाजपा की राजनीति में शामिल होने से आने वाले लोकसभा चुनाव में वागड़ इलाके में कांग्रेस की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है ।
देखना है कि मालविया का पाला पलटने का आने वाले वक्त में वागड़ और मेवाड़ के आदिवासी क्षेत्रों की राजनीति पर क्या असर रहता है?