ईवी में बड़ी छलांग ही समय की मांग है…

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ईवी में बड़ी छलांग ही समय की मांग है…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

विश्व ईवी दिवस 9 सितम्बर से पहले मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह खुशी की बात है लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि मध्य प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री बढ़ाने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत भी है। और इस दिशा में मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाकर सराहनीय कार्य किया गया है। मार्च 2025 तक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन बेचने वाले शीर्ष पाँच राज्य थे, जिनकी सामूहिक रूप से बाज़ार हिस्सेदारी लगभग 50% थी। विशेष रूप से वित्त वर्ष 2025 के लिए, बिक्री के लिहाज से शीर्ष पाँच राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और बिहार थे।इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री के मामले में मध्यप्रदेश में 2024 में लगभग 65,814 ईवी वाहन बिके। मध्य प्रदेश का दोपहिया ईवी वाहन बिक्री में स्थान सातवां था। जबकि कुल इलेक्ट्रिक वाहन में यह अन्य राज्यों की तुलना में पीछे रहा।ऐसे में मध्यप्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाकर अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर शीर्ष में अपना स्थान बनाने का मन बना लिया है। सरकार की यह सोच अच्छी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुताबिक मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिये तैयार हो रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। जलवायु परविर्तन से लड़ने के वैश्विक जनादेश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण लक्ष्यों को हासिल करना मध्यप्रदेश की प्राथमिकता है। इसके लिए मध्यप्रदेश में जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जायेगा। यह अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने और विभिन्न मुददों का समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार होगा। सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग में आदर्श राज्य बनाने और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।

प्रदेश में ईवी उद्योग के लिए आवश्यक कौशल के साथ कार्यबल तैयार करने के लिए नीति में इंजीनयिरिंग कालेजों और आईटीआई में ईवी और ईवी संबंधित पाठयक्रम भी शुरू किये जायेंगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में स्थापित किया जायेगा। मध्यप्रदेश का लक्ष्य है कि 2070 तक भारत को अपने शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करे और स्वयं कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाले राज्यों में पहला स्थान हासिल करे।

मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2025 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक प्रदेश में कुल पंजीकृत 02 पहिया, 03 पहिया, चार पहिया वाहन एवं बस के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के लिए क्रमश: 40%, 80%, 15% एवं 40% का लक्ष्य रखा गया है।

तो विश्व ईवी दिवस पर सरकार की मंशा के साथ हम सब भी यह संकल्प लें कि प्रदूषण मुक्त परिवहन की दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे। यह भरोसा है कि भविष्य में मध्यप्रदेश ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनकर सरकार की मंशा पर खरा उतरेगा। मध्यप्रदेश में इसकी भरपूर सभावनाएं हैं। वास्तव में प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण के लिए ईवी को अपनाना प्रासंगिक है। मध्यप्रदेश में इसके रूझान दिख रहे हैं। जागरूकता बढ़ रही है। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर जैसे शहर मध्य प्रदेश में ईवी अपनाने के मामले में सबसे आगे हैं। इंदौर में ईवी की मांग सबसे अधिक देखी गई है। तो इंदौर के साथ-साथ प्रदेश के सभी शहरों में ईवी अपनाने का वातावरण बने। मध्यप्रदेश में ईवी में बड़ी छलांग ही समय की मांग है… ताकि स्वच्छता के साथ प्रदूषण मुक्ति की दिशा में मध्य प्रदेश का नाम देश में सम्मान से लिया जाए…।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।