पुलिस द्वारा थाने में ले जाकर गाली गलौज एवं मारपीट का मामला
Bhopal: मप्र मानव अधिकार आयोग ने एक मामले में राज्य शासन को थानों में सीसीटीवी फुटेज 18 माह तक संरक्षित रखने के लिये सभी जरूरी व्यवस्थायें एक माह में सुनिश्चित करने की अनुशंसा की है। मामला शहडोल जिले का है। *प्रकरण क्र. 5963/शहडोल/2019 में* लगातार सुनवाई के उपरांत आयोग ने अनुशंसा की है कि थानास्तर पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय परमवीर सिंह सैनी विरूद्ध बलजीत सिंह व अन्य (एसएलपी (क्रिमिनल) नंबर-3543/2020, 27 जनवरी 2021) की कण्डिका-17 के अनुसार थानों में क्षमतायुक्त सीसीटीवी सिस्टम सुरक्षित करने एवं सीसीटीवी कैमरे की फुटेज 18 महीने तक पूरी तरह सुरक्षित रखनेे के लिये सभी जरूरी व्यवस्थायें जैसे क्षमतावृद्धि एवं सीसीटीवी सिस्टम का रख-रखाव आदि व्यवस्थायें एक माह में कर ली जाये।
अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि थानास्तर पर मारपीट/प्रताड़ना/अभद्र व्यवहार की जानकारी/शिकायत प्राप्त होने पर पर संबंधित थाना प्रभारी एवं उनके पर्यवेक्षक अधिकारी सीएसपी, डीएसपी, एडिशनल एसपी/एसपी, संबंधित थाने में मारपीट/प्रताड़ना/अभद्र व्यवहार की शिकायत की घटना अवधि की सीसीटीवी वीडियो फुटेज भी सुरक्षित रखी जाये।
उल्लेखनीय है कि आवेदक श्री रामनारायण पिता स्व. श्री भैयालाल तिवारी निवासी ग्राम चैरी, जिला शहडोल ने आयोग को दिये आवेदन में कहा कि 17 जुलाई 2021 को सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट भवन, रीवा के सामने बने प्रतीक्षालय में बैठा था, तभी टीआई की गाड़ी आई और गाड़ी से दो आदमी उतरे और बोले- चलो तुम्हे टीआई बुला रहे हैं और ऐसा कहकर वे उसे सिविल लाइन थाना ले गये और बोले कि क्या गोली खाये हो? तब उसने कहा कि मेरी तबीयत खराब है, इसलिये गोली खाया है। इसके बाद पुलिसवालों ने उसके साथ मारपीट कर घायल कर दिया और पांच हजार रूपये भी छीन लिये गये और धारा 151 लगाकर उसे तहसीलदार हुजूर के समक्ष पेश कर दिया गया। मारपीट से उसके पेट की आंतों में सूजन, दर्द है और पुलिस ने डाक्टर को अपने लपेटे में लेकर उसे संजय गांधी हास्पिटल रीवा से रातोंरात निकलवा दिया। आवेदन मिलते ही आयोग ने मामला दर्जकर पुलिस अधीक्षक, रीवा से प्रतिवेदन मांगा था। मामले की सतत् सुनवाई उपरांत आयोग ने यह अंतिम अनुशंसा की है।