A cowboy in 5 star: 5 सितारा में देसी बॉय

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A cowboy in 5 star: 5 सितारा में देसी बॉय

राजीव शर्मा

मण्डला में ज़िला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में गाँव गाँव घूमते हुए मैंने शिक्षित युवाओं में व्याप्त भीषण बेरोज़गारी

देखी .जनजाति बहुल मण्डला में घर घर बैठे उच्च शिक्षित युवक युवतियों का बेरोज़गार होना एक बड़ी चुनौती था .केंद्र व राज्य सरकार लाखों मज़दूरों को रोज़गार गारंटी में काम दे रही थी, पर पढ़े लिखों को क्या काम दें?

विचार मंथन के बाद हमारी टीम ने पचास साठ ग्रामीण शिक्षित लड़के लड़कियाँ छाँटे .हमने भोपाल के होटल प्रबंधन संस्थान को प्रस्ताव दिया कि वे हमारे इन युवाओं के लिये एक विशेष प्रशिक्षण सत्र संचालित करें .ज़िला पंचायत इनके प्रशिक्षण व खाने रहने का व्यय प्रशिक्षण मद से वहन करेगी .प्रमुख सचिव पर्यटन इस संस्थान के पदेन महानिदेशक होने से हमारा यह नवाचारी प्रस्ताव आसानी से स्वीकार हो गया .हमारे साठ युवा प्रशिक्षण प्राप्त करते ही देश भर के प्रसिद्ध होटलों और रेस्टोरेंट में रोज़गार पा गये .पाँच वर्षों की स्नातक और परास्नातक उपाधियाँ लेकर भी बेकारी झेल रहे युवा कुछ महीनों के प्रशिक्षण से आत्म निर्भर हो गये .

कई वर्षों बाद दिल्ली के एक बड़े होटल में एक सजे धजे स्मार्ट से होटल कर्मचारी ने मेरा गर्मजोशी से स्वागत करते हुए पूछा -सर आपने पहचाना मुझे ? मैं मण्डला से हूँ .आपने हमें ट्रेनिंग दिलाई .आप भोपाल में हमसे मिलने भी आये थे .एक साँस में बंदे ने सब कुछ बता दिया .मुझे याद आया इन बच्चों को मैंने अपने कार्यालय बुलाकर स्वयं प्रबोधन किया था .बाद में मैं इनसे मिलने होटल संस्थान भी गया था कि ये किसी कष्ट में तो नहीं हैं .मुझे सब याद आ रहा था .मैंने गर्म जोशी से उसकी पीठ ठोकी .मण्डला के गाँव से निकला वह युवा देश की राजधानी में आत्मविश्वास पूर्वक पाँच सितारा होटल में मुझे सबसे चमकीला सितारा लग रहा था .