
मुस्कान भरी जनसुनवाई: बुजुर्ग ने कलेक्टर से कहा- “मुझे साहब से ही मिलना है”
Datia: मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में एक ऐसा सहज और मानवीय क्षण सामने आया, जिसने पूरे कक्ष के माहौल को हल्का, आत्मीय और मुस्कान से भर दिया। पेंशन संबंधी समस्या लेकर पहुंचे एक बुज़ुर्ग नागरिक ने जब अधिकारी से कहा कि उनका काम यहीं निपटा दिया जाएगा, तो वे मुस्कुराए और विनम्रता से बोले – “नहीं… मुझे तो कलेक्टर साहब से ही मिलना है।”
▫️अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि सामने ही कलेक्टर मौजूद हैं और उनका कार्य तुरंत संपादित किया जाएगा। लेकिन बुज़ुर्ग ने फिर मुस्कुराते हुए वही वाक्य दोहराया। उनकी मासूम जिद ने जनसुनवाई कक्ष में बैठे सभी लोगों के चेहरे पर अनायास ही एक स्नेहभरी मुस्कान ला दी।
▫️कलेक्टर ने स्वयं आगे बढ़कर बुज़ुर्ग से बात की, उनका आवेदन लिया और पेंशन से संबंधित कार्यवाही तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। यह दृश्य न केवल प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि इस बात को भी रेखांकित करता है कि जनता अब भी अपने प्रशासनिक मुखिया से एक उम्मीद, भरोसा और आत्मीय संबंध महसूस करती है।
🫶दतिया की इस जनसुनवाई का यह छोटा सा प्रसंग बताता है कि शासन की असली पहचान फ़ाइलों, आदेशों और औपचारिक प्रक्रियाओं से नहीं, बल्कि ऐसे मानवीय संवादों से बनती है जो सीधे दिलों तक पहुंचते हैं।





