A Marriage Like That : न बैंड, न बाजा और बारात भी ई-रिक्शा से आई!

फिजूलखर्ची पर रोक के साथ भारतीय संस्कृति बचाने का अनूठा संदेश!

439

A Marriage Like That : न बैंड, न बाजा और बारात भी ई-रिक्शा से आई!

Darbhanga (Bihar) : विवाह के मौसम में महंगे कार्ड, रंग-बिरंगे बड़े पंडाल, गाजे-बाजे के बीच गाड़ियों का काफिला शादियों की पहचान होती है। लेकिन, मिथिलांचल इलाके में इन दिनोंं एक शिक्षक रवि श्रीवास्तव की शादी इन दिनों चर्चा में है। वजह यह कि इस विवाह के जरिए बढ़ते प्रदूषण को रोकने के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता जगाने की कोशिश की गई। फिजूलखर्ची पर रोक और भारतीय संस्कृति को बचाने का भी बड़ा संदेश दिया गया।

IMG 20230518 WA0111
विवाह में न तो बैंड बाजा, न गाड़ियों का काफिला दिखाई दिया। विवाह के निमंत्रण कार्ड की जगह श्रीमद्भगवदगीता में संदेश, सुपारी एवं जनेऊ देकर दिया गया। बढ़ते प्रदूषण का संदेश देने के लिए दूल्हा ई-रिक्शा में बैठकर विवाह स्थल पर पहुंचा। ई-रिक्शा के ड्राइविंग सीट पर एक महिला ने बैठकर न सिर्फ तस्वीर खिंचवाई, बल्कि ई रिक्शा को महिला ने ही चलाकर महिला सशक्तिकरण का परिचय भी दिया। विवाह की रस्मों रिवाज के तुरंत बाद दूल्हा और दुल्हन ने पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देते हुए विवाह स्थल पर पौधारोपण भी किया।
अनोखी बात यह भी रही कि विलुप्त होती पुरानी पम्परा के अनुसार दुल्हन की विदाई डोली पर की गई। जिसे देखकर हर कोई हैरान था। बात यही खत्म नहीं हुई। वर-वधू के स्वागत के लिए आयोजित स्वागत समारोह में अतिथियों को रिटर्न गिफ्ट में वर-वधू ने सभी को फलदार पौधे दिए। इस शादी में शामिल होने आए सभी अतिथि इसे देख न सिर्फ जमकर तारीफ कर रहे हैं, बल्कि खुद भी अपने घर परिवार में इसी तरह कोई नए सन्देश के साथ शादी समारोह आयोजन करने की बात कह रहे है। वहीं, दुल्हन स्वाति भी अपने जीवन साथी रवि की सोच से न सिर्फ प्रभावित हुई बल्कि बेहद खुश है।