बंदरिया के हाथों फीता कटवाकर हुआ 10 लाख रुपए के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण

543

बंदरिया के हाथों फीता कटवाकर हुआ 10 लाख रुपए के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिंड:’एमपी अजब है सबसे गजब है’ मध्य प्रदेश टूरिज्म की यह लाइन ऐसे ही नहीं बना दी गई। मध्य प्रदेश में वास्तव में अजब गजब मामले देखने सुनने को मिलते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किसी नेता, मंत्री, प्रशासनिक अधिकारी से ना करवाते हुए एक बंदरिया से भवन का लोकार्पण करवाया गया। सुनकर आपको आश्चर्य जरूर हो रहा होगा कि आखिर एक बंदरिया से भवन का लोकार्पण क्यों करवाया गया? तो इसके पीछे की वजह भी आप जान लीजिए।

दरअसल 10 लाख की लागत से बने जिस भवन का लोकार्पण बंदरिया द्वारा करवाया गया वह घायल जानवरों और पशु पक्षियों के इलाज के लिए बनाया गया है। मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र के भिंड जिले में वर्ष 2013 से इंसानियत सेवा समिति द्वारा घायल अवस्था मे पड़े बेजुबान जानवरों और पक्षियों का इलाज किया जा रहा है। इंसानियत सेवा समिति के संस्थापक अनंत उर्फ हक्कू इंसानियत द्वारा वर्ष 2013 में घायल जानवरों जिनमें कुत्ते, बिल्ली, बंदर और ऐसे ही अन्य जानवर हैं जिनके ऊपर कोई ध्यान नहीं देता और पक्षियों के इलाज और देखभाल के लिए पहले तो अपने घर में ही आश्रय बनाया। अनंत की इस पहल को देखकर उनके साथ जुड़े हुए कई युवा उनकी इस पहल में अनंत के साथ हो गए। उन्होंने अपनी समिति को नाम दिया इंसानियत सेवा समिति। यही नहीं सभी युवाओं ने अपना-अपना सरनेम बदलकर इंसानियत ही रख लिया। इंसानियत ग्रुप से जुड़े सभी लोग अपने नाम के बाद सरनेम की जगह इंसानियत ही लिखते हैं। इन लोगों को जब घर में जगह कम पड़ने लगी तो उन्होंने शहर में संचालित पशु अस्पताल के पास एक जगह चिन्हित की। तत्कालीन कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस द्वारा इंसानियत ग्रुप की पहल और उनके कार्य को देखते हुए बेजुबान जानवरों की देखभाल के लिए यह जमीन इंसानियत सेवा समिति को आवंटित कर दी। जिसके बाद अब उसमें भवन का निर्माण 10 लाख रुपए की लागत से किया गया है। चूंकि यह बेजुबान जानवरों और पक्षियों के लिए आश्रय स्थल है तो इसका उद्घाटन भी किसी नेता, अभिनेता, प्रशासनिक अधिकारी से ना करवाते हुए कुछ समय पहले घायल अवस्था में आश्रम में आई एक बंदरिया जिसका नाम रोमा रखा गया है के हाथों फीता कटवाकर नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करवाया गया।

आपको बता दें कि इंसानियत समिति से जुड़े युवाओं द्वारा किसी से भी आर्थिक मदद की मांग नहीं की जाती बल्कि वह अपने लोगों से ही धन एकत्रित कर घायल जानवरों का इलाज करते हैं। यही नहीं आश्रम की साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।