INDORE की जनसुनवाई में दिखा अनूठा दृश्य: शिकायत समाधान पर किसानों ने कलेक्टर शिवम वर्मा को पहनाया साफा, भेंट किया पुष्पगुच्छ और दिया धन्यवाद

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INDORE की जनसुनवाई में दिखा अनूठा दृश्य: शिकायत समाधान पर किसानों ने कलेक्टर शिवम वर्मा को पहनाया साफा, भेंट किया पुष्पगुच्छ और दिया धन्यवाद

सांवेर मंडी की समस्याओं के त्वरित समाधान पर किसान बोले- “कलेक्टर साहब ने हमारे हालात सच में बदल दिए”

INDORE: इंदौर की जनसुनवाई इस बार एक अनूठा और प्रेरक दृश्य लेकर आई। आमतौर पर जहां नागरिक अपनी शिकायतें और परेशानियां लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचते हैं, वहीं इस मंगलवार को कुछ किसान धन्यवाद देने पहुंचे- वो भी साफा और पुष्पगुच्छ ले कर।

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ये किसान इंदौर जिले के सांवेर क्षेत्र से आए थे। उन्होंने कलेक्टर शिवम वर्मा के प्रति आभार जताया, जिन्होंने कुछ ही दिनों पहले सांवेर कृषि उपज मंडी में किसानों की शिकायतें सुनकर तत्काल कार्रवाई की थी। किसानों ने बताया कि मंडी में पहले कई समस्याएं थीं- सफाई व्यवस्था बदहाल थी, किसानों के लिए रियायती दर पर भोजन की सुविधा नहीं थी, विश्राम गृह उपयोग के योग्य नहीं था और आरओ प्लांट महीनों से बंद पड़ा था।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने निरीक्षण के दौरान इन मुद्दों को गंभीरता से लिया और सभी समस्याओं का त्वरित समाधान करवाया।

-मंडी परिसर की सफाई तत्काल कराई गई।
-किसानों के लिए ₹5 की रियायती दर पर भोजन की सुविधा शुरू कराई गई।
-विश्राम गृह को दुरुस्त कर रात्रि ठहराव की व्यवस्था की गई।
-आरओ प्लांट को पुनः चालू कराया गया।
किसानों की सुविधा हेतु खरीदी का समय भी बढ़ाया गया।

इन पहल से प्रभावित किसान पदम सिंह सोलंकी और विक्रम सिंह सोलंकी ने कहा कि “कलेक्टर वर्मा ने जिस तत्परता से हमारी समस्याओं को हल किया, वह हमारे लिए मिसाल है। हम आज किसी शिकायत के लिए नहीं, बल्कि उनका धन्यवाद करने आए हैं।”

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जनसुनवाई में इस प्रेरक क्षण के साथ-साथ लगभग 250 से अधिक नागरिकों ने भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन प्रस्तुत किए। कलेक्टर श्री वर्मा के साथ अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पंवार, रोशन राय, रिंकेश वैश्य, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

अधिकांश आवेदन पारिवारिक विवाद, भूमि कब्जे, प्लॉट आवंटन और रास्ता विवाद से संबंधित रहे। कई मामलों का समाधान मौके पर ही कर दिया गया।

जनसुनवाई के इस विशेष सत्र ने न केवल जनभागीदारी की सकारात्मक तस्वीर पेश की, बल्कि यह भी साबित किया कि प्रशासन और जनता के बीच भरोसे की डोर संवाद और संवेदनशीलता से मजबूत होती है।