Aadhaar Authentication : UPSC परीक्षार्थियों का अब आधार-आधारित प्रमाणीकरण होगा, अधिसूचना जारी!
New Delhi : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित भर्तियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने यूपीएससी को अब अभ्यर्थियों के पंजीकरण और परीक्षा के विभिन्न चरणों में स्वैच्छिक आधार पर अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण की अनुमति दे दी।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। यह निर्णय हाल ही में सामने आए पूजा खेडकर प्रकरण को देखते हुए लिया गया है। पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी थीं, जिनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। क्योंकि, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी की थी। इस मामले ने यूपीएससी की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के सवाल खड़े कर दिए थे।
नई अधिसूचना के अनुसार, यूपीएससी अब ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान का सत्यापन आधार के माध्यम से करेगा। अभ्यर्थियों के पास आधार सत्यापन के लिए हां या ना का विकल्प होगा।
भर्ती प्रक्रिया में लाएगा पारदर्शिता
यह कदम भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और धोखाधड़ी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आधार एक 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी की जाती है। यह संख्या एक व्यक्ति की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी से जुड़ी होती है।
देश की प्रमुख परीक्षाएं इसी आयोग के जरिए
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) हर साल 14 से अधिक महत्वपूर्ण परीक्षाएं आयोजित करता है। इनमें सबसे प्रमुख सिविल सेवा परीक्षा है, जिसके माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) जैसे उच्च पदों के अधिकारी चुने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ‘बी’ श्रेणी के पदों के लिए भी यूपीएससी द्वारा नियमित रूप से भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं। इन परीक्षाओं में देश भर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं।