कावेरी जल विवाद पर दिल्ली जा रहे करीब एक सैकड़ा किसान नेताओं को पुलिस ने जी टी एक्सप्रेस से उतारकर श्री कुंज गार्डन में रखा
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के मध्य कावेरी नदी के पानी पर विवाद बढ़ गया है। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिए जाने की मांग को लेकर कई किसान नेता दिल्ली में आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। नर्मदापुरम स्टेशन से गुजरने वाली जी टी एक्सप्रेस में भी कुछ किसान संगठनों से जुड़े पदाधिकारी हैं जो दिल्ली जा रहे हैं,ऐसी सूचना दिल्ली से मिलने के बाद नर्मदापुरम पुलिस सक्रिय हुई और ट्रेन को करीब 70 मिनट तक चेक करने के बाद एक सैकड़ा से अधिक किसान नेताओं और किसान संगठनों के पदाधिकारियों,सदस्यों को ट्रेन से उतारने के बाद एक तरह से गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रेन से उतारे जाने के कारण किसानों ने स्टेशन पर हंगामा भी किया। सूत्रों के अनुसार पहले इनको इटारसी में उतारने की चर्चा थी पर बड़ा रेलवे जंक्शन होने से कोई बड़ा हंगामा न हो जाए इस आशंका से नर्मदापुरम जैसे छोटे स्टेशन को चुना गया।
किसानों ने रोके जाने का विरोध करते हुए हंगामा भी किया। पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया या नहीं लिया यह अभी स्पष्ट नहीं है। तीन बसों से करीब एक सैकड़ा से ज्यादा किसानों को रेलवे स्टेशन से कहीं ले जाया गया है। ऐसी सूचना मिली थी कि जीटी एक्सप्रेस ट्रेन में किसान संगठन के कुछ पदाधिकारी छिपे हुए हैं, इस वजह से ट्रेन को 70 मिनट तक रोकर सर्च भी किया गया। बताया जा रहा है कि यात्रियों को ट्रेन से उतारकर श्रीकुंज गार्डन में ठहराने का मैसेज मिला था। उसी के पालन के लिए किसानों को ट्रेन से उतारा गया है। यह भी ज्ञात हुआ है कि इन सबका मेडिकल चेकअप भी कराया जा सकता है। इनमें कुछ किसान महिला नेत्रियां भी शरीक बताई जा रहीं हैं।
नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एसोसिएशन तमिलनाडु के अध्यक्ष अय्याकन्नू अपने 114 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जा रहे थे। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिए जाने की मांग करते हुए किसान नेता दिल्ली में आंदोलन कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार ऐसी सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस चेन्नई से ही इनका पीछा कर रही थी। रविवार को नर्मदापुरम में दिल्ली से मिले संदेश और संकेत के आधार पर सभी को उतारा गया। किसान नेता और कार्यकर्ता 27 जुलाई को 12615 जी टी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। ट्रेन से उतारने को लेकर किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया। अध्यक्ष अय्याकन्नू ने कहा कि पुलिस लॉ एंड ऑर्डर का हवाला दे रही है, लेकिन पुलिस यह तो बताए कि हमारे लोगों ने किया क्या है? पुलिस हिरासत में लेना चाहती है, जबकि एसोसिएशन के सदस्य थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं। हम शांति पूर्ण ढंग से दिल्ली जा रहे थे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले अनुसार कर्नाटक हर माह तमिलनाडु को पानी नहीं दे रही है। एक बूंद भी पानी नहीं दे रही है। वहीं इटारसी कांग्रेस अध्यक्ष मयूर जायसवाल ने भी सोशल मीडिया पर इसका विरोध करते हुए लिखा कि भाजपा व केंद्र सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। दिल्ली जा रहे किसान नेताओं का कुसूर क्या है,यह भी तो बताए पुलिस।
ज्ञात रहे कि कावेरी नदी के पानी को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक मध्य तनाव चल रहा है। कावेरी का पानी कम मात्रा में छोड़े जाने पर 16 जुलाई को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था। स्टालिन ने कहा कि कावेरी जल नियामक समिति, सीडब्ल्यूआरसी से आग्रह किया गया है कि वे कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) को आदेश दें कि वह कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत तमिलनाडु को कावेरी का पानी देना सुनिश्चित करें। पानी छोड़ने से इनकार करना तमिलनाडु के किसानों के साथ विश्वासघात है।