Absconding Woman Caught : बंगलुरू में बैंक को ₹8 करोड़ का चूना लगाने वाली 20 साल से फरार महिला को CBI ने इंदौर से पकड़ा!

उसने अपनी पहचान पूरी तरह बदल ली, फर्जी आधार और पैन कार्ड बना लिए, पर बच नहीं सकी!

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Absconding Woman Caught : बंगलुरू में बैंक को ₹8 करोड़ का चूना लगाने वाली 20 साल से फरार महिला को CBI ने इंदौर से पकड़ा!

 

Indore : सीबीआई ने बेंगलुरु में ₹8 करोड़ की बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले में 20 साल से फरार आरोपी महिला को इंदौर से गिरफ्तार किया। महिला के पति की फरारी के दौरान मौत हो चुकी है। महिला ने फर्जी नाम भी बदल लिया था। फर्जी ई-मेल आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित अन्य केवाईसी बना ली थी। सीबीआई ने डिजिटल फुटप्रिंट का विश्लेषण कर महिला को तलाशा और एक साथ तीन जगहों पर दबिश दी। महिला ने सीबीआई को चकमा देना भी स्वीकार किया है। उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

सीबीआई की बैंकिंग सुरक्षा एवं धोखाधड़ी शाखा (बीएसएफबी) बेंगलुरु में महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें रामानुजम मुथुरामलिंगम शेखर उर्फ आरएम शेखर और विभिन्न कंपनियों के निदेशकों को आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि 2002 से 2005 के बीच आरोपियों ने मिलकर बेंगलुरू स्थित एक राष्ट्रीयकृत बैंक से ₹8 करोड़ की धोखाधड़ी की साजिश की।

सीबीआई ने आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर समन और वारंट जारी किए, पर आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए। 27 फरवरी 2009 को अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। आरोप यह भी है कि पिछले वर्षों में इस दंपत्ति ने अपनी पहचान पूरी तरह बदल ली। उन्होंने अपने नए नाम कृष्णकुमार गुप्ता (पति) और गीता कृष्णकुमार गुप्ता (पत्नी) रख लिए थे। अपने मोबाइल नंबर, पैन कार्ड, ई-मेल आईडी और केवाईसी दस्तावेज भी नए बनवा लिए।

कैसे पकड़ी गई महिला आरोपी
सीबीआई ने लंबे समय से फरार चल रहे आरोपियों को पकड़ने के लिए तकनीक का सहारा लिया। एजेंसी ने इमेज सर्च और चेहरे की पहचान करने वाले एडवांस्ड टूल्स का इस्तेमाल किया। जब पुराने फोटो से मेल खाता एक डिजिटल सुराग मिला, तो सीबीआई ने फील्ड वेरिफिकेशन कर इंदौर में इनकी मौजूदगी की पुष्टि की।

इस केस में 90% से ज्यादा फोटो मैचिंग एक्युरेसी के साथ आरोपी की पहचान पुख्ता हुई। यह मामला दिखाता है कि अगर तकनीक और जमीनी स्तर पर की गई मेहनत को जोड़ा जाए, तो सालों से फरार चल रहे अपराधियों को भी पकड़ना मुमकिन है। सीबीआई की इस सफलता को तकनीक और लगन के बेहतरीन तालमेल का उदाहरण है।

सीबीआई के मुताबिक आरएम शेखर की 2008 में मौत हो चुकी है। आरोपी महिला मनी एम शेखर को फिलहाल बेंगलुरू जेल में भेजा गया है। अब सीबीआई पूरे मामले की फिर से जांच कर रही है।