
ACS Sanjay Dubey in Indore : इंदौर ब्रांड बन चुका, फैसले भी उसी के अनुरूप लेना होंगे, पर्यावरण सबसे बड़ी चुनौती!
आसपास के 29 गांव का सीवेज अभी भी कान्हा और सरस्वती नदियों में मिल रहा!
Indore : नगरीय प्रशासन विभाग के एसीएस संजय दुबे ने शनिवार को इंदौर नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि शहर के आसपास के 29 गांवों का सीवेज अभी भी नदियों में जा रहा है। इसका निराकरण जल्द ही किया जाएगा। कान्ह और सरस्वती नदी को साफ करने पर अभी तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन, इसका कोई असर नहीं पड़ा।
एसीएस ने कहा कि हम अपने खर्च को कम करके आय के स्रोतों बढ़ाना चाहते हैं। आज की बैठक में ऐसे कई विषयों पर चर्चा हुई है और सहमति भी बनी। अब इस पर आगे काम किया जाएगा। हमने अधिकारियों से कहा है कि वे जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर इस पर सुझाव लें। 11-12 अगस्त को राज्य स्तर पर बैठक कर इसकी समीक्षा की जाएगी। इसके बाद इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।
इंदौर ब्रांड बना, इसलिए फैसले भी उसी के अनुरूप लेना होंगे
एसीएस ने कहा कि आज के समय में इंदौर ब्रांड बन चुका है। इसलिए हम लोग सोच रहे हैं कि दूरगामी लक्ष्य रखा जाए, जिसकी अपेक्षा हमसे कोई नहीं करता। भले ही वह शासन की नीति नहीं हो। लेकिन, पूरे प्रदेश और देश को उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। उदाहरण के तौर पर हम यह चुनौती लें कि हम अपने शहर को स्लम फ्री बनाने का प्रयास करेंगे। हम इस बात की चुनौती लें कि हम एनर्जी एफिशिएंसी पर देश की सबसे अच्छी म्यूनिसपल कारपोरेशन बनेंगे।
पर्यावरण सुधार हमारे सामने बड़ी चुनौती
हमें यह चुनौती लेना होगी कि पर्यावरण को सुधारने के लिए सबसे अच्छी म्यूनिसिपल बनने की कोशिश करेंगे। क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे शहर से एक बूंद गंदा पानी भी किसी और नदी-नाले या दूसरे शहर में नहीं जाएगा। यह हमारे लिए सिहंस्थ की दृष्टिकोण से भी जरूरी होगा। हम हर योजना में दूरगामी लक्ष्य स्थापित करना चाहते हैं।





