Action Against Apple : एप्पल हॉस्पिटल पर प्रशासन का डंडा चला, अनियमितताओं पर कार्रवाई की

वहीं के मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने, वहीं जांच करवाने और भर्ती कराने की अनिवार्यता

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Indore : एक मरीज के परिजन द्वारा की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने एप्पल हॉस्पिटल पर कार्रवाई की। प्रशासन ने कार्रवाई से पहले जांच करवाई थी, जो सही निकली। अस्पताल में विभिन्न अनियमितताएं पाई गई। एप्पल हॉस्पिटल में मरीजों को हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर से ही दवाइयां खरीदने, हॉस्पिटल में ही जांच करवाने और बाद में यहीं भर्ती कराने की अनिवार्यता की जा रही थी।
प्रशासन ने इस अस्पताल के विरूद्ध विभिन्न अनियमितताएं पाने जाने पर अनेक कार्रवाई की गई। इस अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया कि निर्धारित मापदंड के अनुरूप चिकित्सकों की व्यवस्था होने तक 100 बेड की क्षमता के अनुरूप संचालित किया जाए। अस्पताल में 200 बेड की क्षमता है, इसके अनुरूप पर्याप्त संख्या में चिकित्सक नहीं है। उन्हें निर्धारित क्षमता के अनुसार चिकित्सकों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। साथ ही अस्पताल में संचालित मेडिकल दुकान का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान नहीं करने पर नगर निगम ने एक लाख रुपए का जुर्माना किया।
कलेक्टर मनीष सिंह को प्रकाश पारवानी ने शिकायत की थी कि 11 जुलाई सोमवार को मैं अपनी माँ पुष्पा पारवानी को एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए लेकर गया था। मेरी माँ की एंडोस्कोपी होकर गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन होना था। इसके लिए जब मैं मेरी माँ को भर्ती करवा रहा था, तब आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में मुझसे एक प्रिंटेड फार्म पर हस्ताक्षर करवाए जाने के लिए मुझे दिया गया। जिसमें उपचार के दौरान अस्पताल के मेडिकल स्टोर से ही दवाइयां खरीदने व अस्पताल की लैब से ही जांच करवाने की अनिवार्यता का उल्लेख था। मैंने जब इन शर्तों का विरोध किया तो अस्पताल प्रबंधन ने उपचार में असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद मैं अपनी माँ श्रीमती पुष्पा पारवानी को घर लेकर आ गया। शिकायतकर्ता ने एप्पल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, भंवरकुआ के विरुद्ध मरीजों से इस तरह के जबरिया व्यवहार को दृष्टिगत रखते हुए कड़ी कार्यवाही की मांग की। बताया जा रहा है कि इस तरह की अन्य शिकायतें भी प्राप्त हो रही थी।