Action Against Sarpanch and Secretary: गलत पट्टे जारी करने पर रंगवासा के तत्कालीन सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध होगी दंडात्मक कार्रवाई!
इंदौर:इंदौर जिले के ग्राम पंचायत रंगवासा के तत्कालीन सरपंच एवं सचिव द्वारा गलत तरीके से पट्टे जारी करने संबंधी मामला प्रकाश में आने पर अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग राऊ द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इंदौर को नियमानुसार संबंधित सरपंच, सचिव के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासकीय विज्ञप्ति के अनुसार इंदौर जिले के ग्राम पंचायत रंगवासा के तत्कालीन सरपंच एवं सचिव द्वारा सन 2018 व 2020 में गलत तरीके से पट्टे एवं वारिसान प्रमाण पत्र जारी किये गये। उक्त सबंध में अतिरिक्त तहसीलदार राऊ से रिपोर्ट प्राप्त की गई। अतिरिक्त तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट अनुसार ग्राम रंगवासा के तत्कालीन सरपंच व सचिव को सूचना पत्र जारी किया गया। उनके द्वारा जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि प्रकरण में उल्लेखित एक पट्टा जिस पर उनके हस्ताक्षर है वह वर्ष 2018 से 2021 तक की अवधि का ना होकर वर्ष 2016 में जारी किया गया है। उक्त पट्टा जारी करने के लिये ग्राम पंचायत को शासन द्वारा आदेशित किया गया था। सरपंच, सचिव व पटवारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भू-अधिकार प्रमाण पत्र जारी किये जाते थे। संतोषीबाई पति रामसिंह ने प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के लिए शिकायत की गई थी। इस हेतु सरपंच, सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर के द्वारा वर्ष 2016 में पट्टा क्रमांक 02, 16 सितम्बर 2016 को उक्त नाम से जारी किया गया था, लेकिन शासकीय नाले पर होने के कारण संबंधित सरपंच, सचिव व समन्वयक अधिकारी के द्वारा 10 जून 2023 को निरीक्षण उपरांत पंचनामा बनाकर उक्त 08 पट्टे निरस्त किये जा चुके हैं। ग्राम सभा में आपत्ति प्राप्त होने पर ठहराव प्रस्ताव 28 अक्टूबर 2021 को सर्वसम्मति से निरस्त किये गये हैं। पूर्व में जारी सभी 59 पट्टे निरस्त किये गये।
सरपंच एवं सचिव ग्राम रंगवासा द्वारा MPLRC 2018 के लागू होने के पश्चात् उक्त 59 पट्टे जारी किए गए जो स्पष्ट रूप से अधिकारिता विहिन कृत्य है। पश्चात में सचिव द्वारा उक्त समस्त पट्टों को ठहराव प्रस्ताव कर खारिज किया गया। ग्राम पंचायत रंगवासा के सरपंच व सचिव द्वारा उक्त कृत्य अधिकारिता के बाहर जाकर किया गया है। इसलिये ग्राम पंचायत रंगवासा के तत्कालीन सरपंच व सचिव के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक / अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गये हैं।