सरकारी अफसरों का कारनामा: जीवित मजदूरों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर बांट दिए लाखों रुपए

Bogus Death Certificate: छिंदवाड़ा और भोपाल में 55 जीवित श्रमिकों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बना कर बांट दी राशि

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भोपाल. मध्यप्रदेश के अफसरों की एक और कारगुजारी सुर्खियों में है। छिंदवाड़ा और भोपाल में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने पंजीकृत श्रमिकों के फर्जी मृत्युु प्रमाणपत्र के आधार पर इन श्रमिकों के परिवारों को लाखों रुपए बांट दिए। कुल 55 जीवित श्रमिकों को मृत बता कर राशि बांटने का मामला प्रकाश में आया है। श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस विधायक हिना कांवरे के सवाल के लिखित जवाब में विधानसभा में यह जानकारी दी है।

हिना कांवरे ने श्रम मंत्री से पूछा था कि श्रम विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के 10 मार्च 2022 को लिखे पत्र के द्वारा जिन अधिकारियों द्वारा ईपीओ पर डिजिटल हस्ताक्षर कर पोर्टल के माध्यम से भुगतान हेतु फर्जी प्रकरण तैयार करने का जिक्र किया गया है उन अधिकारियों के नाम तथा उनके द्वारा किन-किन हितग्राहियों को उनकी बिना मृत्यु हुए तथा बिना दिव्यांगता के दिव्यांग बताते हुए कितनी राशि आहरित की गई इसकी जानकारी दी जाए।

जवाब में श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि संपूर्ण प्रदेश हेतु मंडल की अनुग्रह योजना के संबंध में सामान्य निर्देश जारी किये गये थे। मंडल की अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत प्रदेश में छिंदवाड़ा में 23 तथा भोपाल में 22 प्रकरणों में जीवित पंजीकृत श्रमिकों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर राशि आहरण किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में आए थे।
छिंदवाड़ा जिले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने 23 जीवित श्रमिकों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर उनके परिवारों को दो-दो लाख रुपए बांट दिए। छिंदवाड़ा जिले में जिन जीवित श्रमिकों को मृत बताकर उन्हें राशि दी गई उनमें वीरपाल यदुवंशी, कचरा यादव, चंद्रा विश्वकर्मा, रामप्रसाद यदुवंशी, अनारकली खडिया, रविकांत सोनी,चिरकुट मालवीय, विनोद पाल, झनकलाल यदुवंशी,बिंद्रा सोनी, कलसिया बाई, सज्जेलाल यदुवंशी, ललिता सोनी,कृष्णा पंचेश्वर, सुनील अहिरवार, यशोदा मंसूरी, शेख ईजराईल, किरणा मालवी, जगदीश पंचेश्वर, लेखराम यादव,धनश्याम यादव, अनिता पाल शामिल है।

मंत्री ने बताया कि भोपाल की जनपद पंचायत बैरसिया में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जिन जीवित श्रमिकों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर राशि स्वीकृत कर दी गई उनमें विष्णु कुशवाह पत्नी निशा कुशवाह, गणेशराम, राजेश सिंह, बद्रीप्रसाद, सुरेश, रामबाबू, ज्वालाप्रसाद, विमला बाई, हरिसिंह, श्यामलाल, नारायण सिंह, विष्णु प्रसाद, कैलाश , बद्रीप्रसाद, जगदीश, विमला बाई, अनीता बाई, प्रभुलाल, लालजीराम, जितेन्द्र, महेश सिंह शामिल है।

श्रम मंत्री ने बताया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल की अनुग्रह सहायता योजना के प्राधान के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा प्रकरण स्वीकृत किए गए है। स्वीकृति के बाद श्रम सेवा पोर्टल पर उपलब्ध कराये गए लॉगिन के माध्यम से उनके द्वारा ईपीओ तैयार कर डीबीटी पद्धति से सीधे हितग्राहियों के खाते में भुगतान किया गया है।