मीडियावाला की खबर का असर :Action on Distribution of Wrong Leases : रसूखदारों को पट्टे बांटने वालों पर कार्रवाई के निर्देश!
Indore : रंगवासा ग्राम पंचायत में करोड़पतियों को सरकारी जमीनों के पट्टे बांटने वाले पूर्व सरपंच और सचिव के खिलाफ अब सीईओ जनपद पंचायत कार्रवाई करेंगे। इसके लिए एसडीएम राऊ ने सीईओ को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। रंगवासा पंचायत के पूर्व सरपंच और सचिव ने आबादी क्षेत्र में 79 पट्टे करोड़पतियों को बांट दिए। ये 79 पट्टे सरकारी जमीनों के होकर 2018 से 2021 के बीच बांटे गए हैं।
नियम विरुद्ध बाटे गए इन पट्टों के खिलाफ दो युवकों व एक एडवोकेट ने शिकायत की थी, जिस पर करीब डेढ़ वर्ष चली जांच के बाद तहसीलदार राऊ ने रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी, जिस पर एसडीएम राऊ ने कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। एसडीएम राऊ राकेश परमार ने बताया कि रंगवासा ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच और सचिव द्वारा मनमानी कर सरकारी जमीनों के पट्टे बांटने की शिकायत मिली।
इसमें पूर्व सरपंच श्याम पांडे और सचिव रमेश भामर ने 2018 से 2021 तक करोड़पतियों को सरकारी जमीनों के पट्टे बांटने का आरोप लगाया। साथ ही पट्टे से संबंधित प्रमाण भी दिए। इसकी जांच अतिरिक्त तहसीलदार राऊ धीरेंद्र सोनी ने की। तहसीलदार सोनी ने जांच कर सभी पट्टे निरस्त करने की अनुशंसा भेजी है। इसके बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को रंगवासा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्याम पांडे और सचिव रमेश भामर के खिलाफ अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है।
बचाने कि तहसीलदार की कोशिश
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि मामले में जांच कर रहे अतिरिक्त तहसीलदार धीरेंद्र सोनी ने रंगवासा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच और सचिव को बचाने की हरसंभव कोशिश की। सोनी ने बार-बार सचिव को नोटिस जारी किए लेकिन सचिव रमेश भामर एक भी तारीख पर हाजिर नहीं हुआ। सोनी इसके बाद भी रमेश भामर को लगातार समय देते रहे। इस कारण जो प्रकरण 1-2 महीने में समाप्त हो जाना था वह डेढ़ वर्ष से भी लंबा खींच लिया गया। रंगवासा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्याम पांडे और सचिव रमेश भामर राजनीति में खासी पकड़ रखते हैं। दोनों ने ही इस प्रकरण को लंबा खींचने और आरोप से बचने के लिए राजनीतिक पकड़ का भरपूर इस्तेमाल किया। हालांकि वे प्रकरण को लंबा खींचने में तो सफल रहे पर आरोपों से नहीं बच पाए।
जांच चलते ही पट्टे निरस्त
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि जांच के दौरान ही यह पता चला कि पूर्व सरपंच श्याम पांडे और सचिव रमेश भामर ने पट्टे निरस्त भी कर दिए हैं, जिसका उन्हें अधिकार ही नहीं। सचिव भामर ने खुद को बचाने के लिए यह भी पत्र दिया कि पट्टे पर उसकी साइन ही नहीं है। इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने ऐसे पट्टे पेश किए, जिस पर सचिव भामर के भी हस्ताक्षर रहे। इसे भी चलती जांच के बीच निरस्त कर दिया।
हाजिर नहीं हुआ सचिव भामर
डेढ़ वर्ष से भी अधिक चली जांच के दौरान ग्राम पंचायत रंगवासा का सचिव रमेश भमर एक भी तारीख पर तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ। अब जब मामले में संपूर्ण कार्रवाई जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को करना है देखते हैं वह इतने बड़े अपराध का पूर्व सरपंच श्याम पांडे और सचिव रमेश भामर के खिलाफ क्या अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करते हैं।