Indore : एक साल पहले हुए निकाह की शिकायत के बाद हुई जांच में बात सही पाए जाने पर FIR दर्ज की गई। इस मामले में निकाह करने वाले युवक के साथ ही इसमें शामिल गवाहों और निकाह करवाने वाले मौलाना के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम को लेकर सूचना मिलने पर पूर्व में किए गए विवाह को लेकर भी प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि पिछले दिनों खजराना थाने पर एक महिला ने अपनी बेटी के साथ क्षेत्र के ही एक युवक द्वारा डरा धमकाकर जबरन विवाह करने और हथियार दिखाकर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष बालिका को प्रस्तुत किया गया। बालिका ने अपने कथन में जो बात कही उसके आधार पर विभाग द्वारा परीक्षण करवाया गया।
मामले में जांच करते हुए बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता ‘लाडो अभियान’ ग्रुप के महेंद्र पाठक ने पाया कि बालिका का विवाह गत वर्ष 4 जुलाई को खजराना क्षेत्र के ही रहने वाले युवक फैजान के साथ हुआ था। उक्त विवाह दोनों पक्ष की महिलाओं की उपस्थिति में किया गया। जिस समय यह निकाह हुआ उस समय बालिका की आयु मात्र 14 वर्ष 11 माह थी और युवक की आयु 19 वर्ष। निकाहनामे में भी आयु का उल्लेख किया गया है।
नाबालिग बालिका का विवाह उस युवक से करवाया गया, जिसकी आयु विवाह के योग्य नहीं थी। इसलिए बाल विवाह अधिनियम की धारा 11 के तहत मौलाना मोहम्मद इरफान रजा नाहर शाह वली दरगाह परिसर खजराना को दोषी माना गया। जिले में पहली बार बाल विवाह कराने पर पंडित / मौलवी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई। इस मामले में निकाह के समय उपस्थित रहकर गवाह देने वाले शाहरुख साजिद व अरबाज खान के विरुद्ध भी थाना खजराना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
महेंद्र पाठक ने बताया कि चर्चा के दौरान बालिका की माता ने जो बात कही उसके अनुसार यह निकाह दोनों पक्षों की उपस्थिति में हुआ था। विवाह के समय युवक के पिता और बालिका के पिता मौजूद नहीं थे। इस निकाह में फैजान के साथी उसकी माता और लड़की की माता उपस्थित थे। निकाह के लिए मैहर की राशि भी निर्धारित की गई थी। बालिका ने बाल कल्याण समिति के समक्ष अपने बयान में कहा है कि फैजान डरा धमका किया है उसको और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने मामले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धारा 9 के साथ ही भारतीय दंड विधान संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत फैजान पर कायमी की है।