Action on ‘Mediawala’ News : नकल शाखा में पैसे मांगने वाली क्लर्क बर्खास्त, कलेक्टर ने एक्शन लिया!

मीडियावाला' की न्यूज़ और वीडियो पर तत्काल सख़्त एक्शन लिया गया! 

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Action on ‘Mediawala’ News : नकल शाखा में पैसे मांगने वाली क्लर्क बर्खास्त, कलेक्टर ने एक्शन लिया!

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Indore : भ्रष्टाचार के विरुद्ध जिला प्रशासन का रुख कड़ा रहेगा। इस बात को साबित करते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने नकल शाखा में आवेदक से अनुचित पैसे मांगने पर क्लर्क रेखा पाटील को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया। ये न्यूज़ आज सुबह ही ‘मीडियावाला’ ने अपने पोर्टल पर जारी की थी।

अपर कलेक्टर एवं उपाध्यक्ष समाधान समिति कलेक्ट्रेट इंदौर के आदेश से 27 अप्रैल 2013 को रेखा पाटिल, कम्प्यूटर ऑपरेटर को जूनी इंदौर तहसील में अस्थाई रूप से कार्य करने के लिए आदेशित किया गया था। सोशल मीडिया पर आज सुबह ‘मीडियावाला’ पोर्टल की एक न्यूज़ और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रेखा पाटिल एक आवेदक से पैसों की अनुचित मांग करती देखी गई। यह कार्य शासन एवं प्रशासन के नैतिक दायित्वों के प्रतिकूल है। जिसको दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने तहसील जूनी इंदौर में कार्यरत रेखा पाटिल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी।

बताया गया कि वे नकल लेने वाले आवेदकों से स्पष्ट कहती हैं कि नकल के लिए हमें भी 100-200 रुपए सेवा शुल्क देते जाएं। हर आवेदक से दिनभर खुले आम पैसे लिए जाते हैं। कई बार आवेदकों से यहां रिश्वत को लेकर विवाद भी हो चुके हैं। नकल आवेदकों ने यहां पदस्थ महिला क्लर्क की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल

रिश्वत की कई शिकायतों के बाद इस महिला क्लर्क का स्टिंग ऑपरेशन कर पूरे मामले को कैमरे में कैद किया गया। इस वीडियो में यह महिला क्लर्क साफ़-साफ़ रुपए मांगते और लेते दिखाई दी। कलेक्ट्रट के जी-9 रूम स्थित इंदौर तहसील कार्यालय में पदस्थ महिला क्लर्क रेखा पाटिल नकल शाखा में काम करती हैं।

You Want Copy, Pay Service Fee : इंदौर के तहसील कार्यालयों में हर नकल के लिए ‘सेवा शुल्क’ अनिवार्य! 

एवजियों की भी बड़ी संख्या

कलेक्ट्रेट में इंदौर, मल्हारगंज समेत कई तहसीलों के कार्यालय भी मौजूद हैं। साथ ही यहां एसडीएम कार्यालय भी हैं, जिनमें प्रतिदिन सैकड़ों आवेदक आते हैं। इन कार्यालय में एवजियों की भरमार है। अधिकतर कार्य यही एवजी ही करते हैं। पहले भी इन एवजियों के खिलाफ कई बार जानकारियां सामने आई हैं। लेकिन, शिकायत के बाद एक-दो दिन गायब रहने के बाद ये एवजी फिर कार्यालयों में डट जाते हैं।

वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। लेकिन, इंदौर कलेक्टर कार्यालय में बगैर लेन-देन के कोई काम नहीं होता। वर्षों से एसडीएम व तहसीलदार के बाबू अंगद की तरह जमे हैं। कलेक्ट्रेट में चुनाव के पहले इन बाबुओं और तीन साल से अधिक एक ही जगह पर पदस्थ अन्य विभाग के कर्मचारियों की सूची एडीएम कार्यालय पहुंची थी। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।