ADG Angry: पुलिस इकाईयों में रोगी कल्याण निधि के दुरुपयोग पर PHQ के ADG नाराज

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ADG Angry: पुलिस इकाईयों में रोगी कल्याण निधि के दुरुपयोग पर PHQ के ADG नाराज

भोपाल: मध्यप्रदेश की पुलिस इकाईयों में चल रहे चकित्सालयों में बनी लैब में काम करने वाले लैब टेक्नीशियन और रेडियोलॉजिस्ट के मानदेय का भुगतान रोगी कल्याण निधि से किया जा रहा था। बिना अनुमति मानदेय पर कर्मचारियों को रखा जा रहा था। इसको लेकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कल्याण पीएचक्यू अनिल कुमार ने नाराजगी जाहिर की है।

प्रदेश की सभी पुलिस इकाईयों के मुख्यिाओं को एडीजी ने सख्त हिदायत देते हुए निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा है कि कल्याण कारी गतिविधियों के खर्च के लिए शासकीय राशि के व्यय के नियमों के अनुरुप राशि खर्च करने को कहा गया है। जिस प्रयोजन के लिए राशि प्राप्त की जा रही है उस राशि का उस प्रयोजन में ही उपयोग किया जाएगा। अन्य कामों में उस राशि का उपयोग करना अनियमितता की श्रेणी में आएगा।

इकाई चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति एवं लैब द्वारा की जा रही जांच के लिए प्राप्त की जा रही राशि का उपयोग करने के लिए उन्होंने हिदायत दी है कि ओपीडी के नियत शुल्क से प्राप्त आय को चिकित्सालय के सामान्य व्यवस्था के संधारण में व्यय किया जाएगा। रोगी कल्याण समिति से प्राप्त आय के लिए जो अधिकार प्रदाय किए गए है उसके अनुरुप अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार के लिए उपयोग किया जाए। जांच के एवज में प्राप्त आय का उपयोग जांच हेतु रिएजेंट खरीदने, मशीनों का संधारण करने और लैब में मानदेय पर कार्यरत लेब टेक्नीशियन , सहायक एवं रेडियोलॉजिस्ट को मानदेय भुगतान के रुप में किया जाए।

रोगी कल्याण समिति में जमा अनावश्यक राशि-

उन्होंने इस पर भी नाराजगी जताई है कि रोगी कल्याण समिति में अनावश्यक रुप से राशि जमा हो गई है इसे चिकित्सालय के सुधार हेतु उपयोग किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि आज तक की स्थिति में दोनो फंड में अलग-अलग लेजर नहीं रखा गया है। रोगी कल्याण समिति मेें उपलब्ध राशि का विभाजन पिछले तीन से छह माह की अवधि में ओपीडी के रुप में प्राप्त आय एवं लेब जांच हेतु प्राप्त आय के अनुपात में किया जाए। यदि इकाई प्रमुख आवश्यक समझे तो वास्तविक प्राप्ति के आधार पर भी विभाजन कर सकते है।

उन्होंने कहा है कि लैब संचालन में पुलिस मुख्यालय की अनुमति के बिना मानदेय पर रखे कर्मियों की संख्या मेंवृद्धि नहीं की जाए। जांच से प्राप्त आय से यदि पूरा भुगतान संभव नहीं है तो जांच के लिए नियम की गई राशि में वृ्द्धि न की जाए बल्कि अंतर की राशि केन्द्रीय कल्याण निधि से अनुदान के रुप में प्रदाय किया जाएगा। सभी इकाईयों को जरुरत के मुताबिक अतिरिक्त राशि की मांग हेतु प्रस्ताव लेखा जोखा के साथ समय पर भेजने को कहा गया है ताकि मानदेय के भुगतान एवं लैब के संचालन में व्यवधान उत्पन्न न हो।