ADM Suicide Case : ADM की आत्महत्या के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष हिरासत में, अग्रिम जमानत याचिका खारिज!
माकपा नेता पीपी दिव्या पर ADM को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप!
Kannor (Kerala) : जिला पंचायत अध्यक्ष और माकपा नेता पीपी दिव्या की टिप्पणी के बाद कन्नूर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नवीन बाबू ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी आत्महत्या के दो सप्ताह बाद पीपी दिव्या को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पीपी दिव्या पर पूर्व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) नवीन बाबू को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। दिव्या ने एडीएम के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे।15 अक्टूबर को एडीएम नवीन बाबू कन्नूर के पल्लीकुन्नू में अपने क्वार्टर में मृत पाए गए थे। पुलिस कमिश्नर ने पुष्टि की कि दिव्या को जांच दल ने कस्टडी में ले लिया है। लेकिन, उन्होंने पकड़े जाने के सही स्थान का खुलासा करने से इनकार कर दिया। यह बताया गया है कि दिव्या की हिरासत के दौरान जिले के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा) के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बताया गया कि दिव्या ने कन्नूर जिले के कन्नपुरम स्टेशन पर आत्मसमर्पण किया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि उसे हिरासत में ले लिया है।
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थालास्सेरी की एक निचली अदालत द्वारा उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद कन्नूर के पुलिस आयुक्त अजित कुमार ने बताया कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। एक घंटे की पूछताछ के बाद मंगलवार रात उसे स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जब पुलिस वाहन कन्नूर जिला जेल पहुंचा तो दिव्या के लिए यह एक परिचित स्थान था। क्योंकि, वे जेल से जुड़े कई समारोहों में भाग लेने आती रही हैं। लेकिन, मंगलवार की रात वे वहां कैदी बनकर पहुंची।
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अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान दिव्या के वकील ने दलील दी कि जब उन्होंने बाबू के बारे में बात की थी, तो उनका इरादा दुर्भावनापूर्ण नहीं था। उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामान्य बात कही थीं। हालाँकि, अभियोजन पक्ष ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया। दिव्या इस मामले में एकमात्र आरोपी थी। उन्होंने कन्नूर जिला पंचायत के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और फरार हो गई।
कन्नूर सत्तारूढ़ माकपा का गढ़ है और यह वह जिला है जहां से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और राज्य पार्टी सचिव एमवी गोविंदन आते हैं। कांग्रेस और भाजपा मुख्यमंत्री की इस बात के लिए आलोचना कर रही हैं कि उन्होंने उसे गिरफ्तार नहीं किया, जबकि माकपा आरोपियों का समर्थन कर रही है।