राजधानी में बिक रहा है मिलावटी मावा, सैंपलों की जांच में हुआ खुलासा

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राजधानी में बिक रहा है मिलावटी मावा, सैंपलों की जांच में हुआ खुलासा

 

भोपाल:राजधानी में सप्लाई होने वाला अधिकांश मावा मिलावटी और अमानक है। यह हम नहीं खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में खुलासा हुआ है। शहर में चंबल इलाके यानी ग्वालियर, भिंड और मुरैना से आने वाला मावा मिलावटी और अमानक है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा लिए गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि करीब 70 फीसदी मावा जांच में अमानक या फिर मिलावटी पाया गया है। ऐसे में भोपाल एक बार फिर मिलावटी मावे की मंडी बन गया है। यहां पर लगातार मिलावटी मावा बाहर से सप्लाई होकर बिकने के लिए आता है और शहरवासी उसे उपयोग करके बीमार और कई परेशानियों से ग्रसित हो रहे हैं।

खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अनुसार राजधानी में एक जनवरी से लेकर अब तक यानी 10 महीने में 100 क्विंटल मावा पकड़ा गया है। यह मावा बाहर से सप्लाई होकर आया था। इस मावे में मिलावट और अमानक तत्व पाए गए हैं। करीब 30 फीसदी मावा ही जांच में सही पाया गया है। ऐसे में लोगों को समझाइस दी जा रही है कि वे मिलावटी मावा खाने से बचें। त्योहारी सीजन में मिलावटी मावे की आवक ज्यादा हो जाती है। ऐसे में लोग उपभोग के कारण इन्हें खरीदकर उपयोग करने के बाद बीमार होते हैं।

मिलावटखोरों पर नहीं हो पा रहा है सख्त एक्शन

विभागीय सूत्रों की मानें तो राजधानी में सप्लाई होने वाले मावे की खेप कहां से आती है और कौन इसे सप्लाई करता है। इसकी जानकारी अफसरों के पास है, लेकिन इन पर सख्त एक्शन नहीं होने से इनके हौंसले बुलंद है। वे बार-बार पकड़ में आने के बाद भी शहर में मिलावटी और अमानक मावा सप्लाई करते हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले भिंड-मुरैना के व्यापारी मिलावटखोरों की शिकायत लेकर भोपाल आए थे। यहां पर आला अधिकारियों से मुलाकात करके उन्होंने अफसरों की शिकायत भी की थी, कि उनकी लचर प्रक्रिया और मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है। इस संबंध में अब तक कोई सख्त एक्शन नहीं हुआ है।