MP में 8 साल बाद विभागाध्यक्षों के वित्तीय अधिकारों में इजाफा

लेपटॉप और फर्नीचर खरीदने HOD's को नहीं लेना होगी फायनेंस की अनुमति, प्रशिक्षु भी रख सकेंगे

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MP में 8 साल बाद विभागाध्यक्षों के वित्तीय अधिकारों में इजाफा

स्टेट हेड विक्रम सेन की रिपोर्ट 

भोपाल: राज्य सरकार आठ साल बाद विभागाध्यक्षों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने जा रही है। अब लेपटॉप खरीदने या फर्नीचर खरीदने विभागाध्यक्षों को वित्त विभाग को प्रस्ताव नहीं भेजना होगा। इसी तरह विभाग में प्रशिक्षु तैनात करने के लिए भी वे खुद निर्णय ले सकेेंगे इसके लिए भी वित्त की अनुमति की जरुरत नहीं होगी।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता मेंं गत कैबिनेट बैठक में वित्तीय अधिकारों का प्रत्यायोजन-वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025 भाग एक में संशोधन किया गया है। बुक आॅफ फायनेंशियल पॉवर में संशोधन करके यह प्रावधान किया गया है। विभागाध्यक्षों को अब छोटे-छोटे खरीदी के मामलों में बार बार वित्त विभाग की अनुमति नहीं लेना पड़ेगी। वित्त विभाग ने महंगाई और विभागों की जरुरतों को देखते हुए विभागाध्यक्षों के वित्तीय पॉवर में इजाफा कर दिया है है।

इसके पहले राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के बजट खर्च करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन मुद्रा स्फीति बढ़ने और महंगाई दर बढ़ने के साथ पूर्व में दिए गए वित्तीय अधिकार आज के समय में कम माने जा रहे है। इसलिए इसमें इजाफा किया गया है। इस संशोधन के बाद HOD’s जनकल्याण के छोटे-छोटे कामों के लिए अपने स्तर पर खुद निर्णय ले सकेंगे।