लंबे इंतजार के बाद कई प्रमोटी अफसरों को मिल गया कलेक्टरी का मौका

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Shortage of IAS Officers

लंबे इंतजार के बाद कई प्रमोटी अफसरों को मिल गया कलेक्टरी का मौका

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव,मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) के अफसरों ने कल छह घंटे की मशक्कत के बाद जिन 24 आईएएस अफसरों के तबादले किए है जिनमें बारह जिलों के कलेक्टर बदले गए है। इसमें लंबे समय के बाद प्रमोटी और सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों का बेहतर संयोजन देखने को मिला है। ऐसे कई अफसर जो अब तक कलेक्टर नहीं बन पाए थे और आगे उन्हें मौका नहीं मिल पाता उन्हें जिलों की कमान देकर कलेक्टर बनाया गया है। दो से ढाई साल से तैनात तीन कलेक्टरों धार, रीवा और मैहर कलेक्टरों को फिलहाल नहीं बदला गया है।

जनप्रतिनिधियों से विवाद और अपनी कार्यशैली के कारण विवादों में आए भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और डिंडोरी कलेक्टर नेहा मारव्या को फील्ड से हटा दिया गया है।

*आखिर ये बन गए कलेक्टर, सीएम ने दिया मौका-*

नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मातृ शक्ति को बढ़ावा देते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत हुई चार महिला अधिकारियों उषा परमार, नीतू माथुर, जमुना भिड़े, अंजू भदौरिया को जिलों की कमान देते हुए कलेक्टर बनाया गया है। खास बात यह है कि ये वे महिला आईएएस अफसर है जो पहली बार जिलों में कलेक्टर बनी है। इन्हें कलेक्टर बनने के लिए केवल एक साल का ही मौका था। अब ये कलेक्टर बन गई है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के दखल के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए अफसरों को भी कलेक्टरी का मौका मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उप सचिव रहे नीरज वशिष्ठ को भी पांर्ढुना जिले का कलेक्टर बनाया गया है।

*सांसद,विधायकों से तालमेल नहीं बिठाने वाले कलेक्टरों को हटाया*

अपनी कार्यशैली के चलते सत्तारुढ़ दल के सांसद और विधायकों से समन्वय नहीं बिठाने वाले कलेक्टरों को सरकार ने हटा दिया है।

भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का वहां के विधायक नरेन्द्र कुशवाह से विवाद हो गया था जो लंंबे समय तक सुर्खियों में रहा। इस मामले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का हटना तय था उन्हें हटा दिया गया है। वहीं डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या का विवाद भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे से हो गया था। जिसको लेकर धुर्वे ने नेहा मारव्या की कार्यशैली पर टिप्पणी की थी। इन दोनों को बेहतर पोस्टिंग नहीं दी गई है।

भोपाल नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण का भी भोपाल के सांसद और विधायकों से विवाद रहा जिसके चलते उन्हें हटा दिया गया है।