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New Delhi: हमें गर्व करना चाहिए की दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश जहाँ भारतीय मूल के नागरिक सत्ता में न हो। इस प्रकार यदि यह कहा जाए कि आज भारतीय मूल के नागरिक दुनिया के हर देश में राज कर रहे हैं तो क़तई ग़लत नहीं होगा।
यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस की युद्धक कार्रवाई को जायज़ बताकर भारतीय मूल के रूसी सांसद डॉक्टर अभय कुमार सिंह इन दिनों काफ़ी चर्चा में आए हुए हैं।
इस घटनाक्रम के पहले भारत में बहुत कम ही लोग जानते थे कि रूस की सत्तारूढ़ पार्टी में भारतीय मूल के लोग भी काम कर रहे हैं।
यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी है, ऐसे में भारतीय मूल के और पुतिन की पार्टी के सांसद डॉक्टर अभय कुमार सिंह ने रूसी राष्ट्रपति के कदम को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि पुतिन ने कई बार यूक्रेन को बातचीत का मौका दिया, लेकिन वह नहीं माना, इसके बाद युद्ध का निर्णय लिया गया।
बिहार की राजधानी पटना के मूल के अभय कुमार सिंह 30 साल पहले 1991 में डॉक्टरी की पढ़ाई करने रूस गए थे।हालांकि विदेश से पढ़ाई करने के बाद वह देश लौट आए थे, लेकिन एक बार फिर रूस जाकर उन्होंने दवाइयों का व्यापार शुरू किया। वहां की नागरिकता ग्रहण करने के बाद वह रियल स्टेट के बिजनेस में भी आए और उनको काफी सफलता मिली।
अभय कुमार 2015 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पार्टी यूनाइटेड रशिया पार्टी में शामिल हुए और 2018 में कुर्स्क से चुनाव जीतकर सांसद बन गए।उनकी गिनती पुतिन के नज़दीकी लोगों में की जाती है।
सांसद अभय कुमार सिंह कहते हैं ”अगर चीन बांग्लादेश में सैन्य अड्डा बना दे तो भारत उसपर क्या प्रतिक्रिया देगा। नाटो का निर्माण ही रूस के खिलाफ हुआ था। सोवियत यूनियन टूटने के बाद भी नाटो नहीं टूटा और वह धीरे-धीरे हमारे करीब आ गया। यूक्रेन का बॉर्डर रूस से सटा हुआ है और आप वहां पर नाटो की सेना बुला रहे हैं, जोकि हमारे बीच हुए एग्रीमेंट के अनुसार, यह काफी बड़ा उल्लंघन है। ऐसे में देश की सुरक्षा के लिए हमारे राष्ट्रपति को कुछ ना कुछ करना था, इसलिए हमारी संसद और राष्ट्रपति पुतिन ने जायज एक्शन लिया।”
उन्होंने कहा, ”परमाणु हथियारों से डरने की बात नहीं है। हमारे राष्ट्रपति ने ऐलान किया है, लेकिन यह इसलिए है कि अगर कोई दूसरा देश हमारे ऊपर हमला करता है तो हम जवाब देंगे। यूक्रेन में रूस की ऑर्मी को इसलिए समय लग रहा है कि आम लोगों को ध्यान में रखते हुए उनको विशेष निर्देश दिए गए हैं।”
अभय कुमार सिंह ने कहा, ”रूस पर पिछले 8 से 10 सालों से प्रतिबंध लगता आ रहा है। यह रूस के लिए बेहतर है, क्योंकि जिस चीज के लिए रूस दूसरे देशों पर निर्भर करता था, उसका उत्पादन अब हम खुद करने लगे है। रूस का रूबल गिरा है, लेकिन कुछ समय के बाद यह सही हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, ”पुतिन विश्व के महान नेता है और अपने बात के पक्के हैं। मेरे पास उनकी तारीफ करने के लिए शब्द कम हैं। यूक्रेन की गलती के लिए वहां के राष्ट्रपति दोषी हैं, क्योंकि वह दूसरे देशों के उकसावे में आ गए और अब वह उन्हें छोड़कर भाग गए हैं। इस विवाद को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत का मौका दिया गया था।
माइनस 10 से 20 डिग्री में रूस के सैनिक बैठे हुए थे और यूक्रेन को काफी मौका दिया गया, लेकिन इसके कोई निर्णय नहीं निकलने पर ही युद्ध का निर्णय लिया गया।”
पुतिन की पार्टी के विधायक ने कहा कि अभी जो बातचीत चल रही है, उसमें रूस ने एक बात साफ कर दी है कि यूक्रेन का राष्ट्रपति बदला जाना चाहिए। क्योंकि वह यूरोप देशों के शिकंजे में फंसे हैं और उन्हीं की भाषा बोलते हैं।