अमरवाड़ा के बाद अब भाजपा-कांग्रेस बुधनी-विजयपुर में जुटेगी,बीना को लेकर संशय, निर्मला सप्रे नहींं छोड़ेगी सीट!

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अमरवाड़ा के बाद अब भाजपा-कांग्रेस बुधनी-विजयपुर में जुटेगी,बीना को लेकर संशय, निर्मला सप्रे नहींं छोड़ेगी सीट!

भोपाल:अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव के बाद अब कांग्रेस और भाजपा बुधनी और विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव में जुटने जा रही है। दोनों ही सीटें रिक्त हो चुकी है। इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान होना अभी बाकी है, लेकिन दोनों ही सीट पर भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के लिए रणनीति अभी से तैयार करने लगी है। इन दोनों सीटों पर भाजपा की तुलना में कांग्रेस की राह मुश्किल भरी हुई है। इधर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बीना विधायक निर्मला सप्रे फिलहाल सीट छोड़ने के मूड में नहीं हैं।

केंद्रीय मंत्री एवं विदिशा लोकसभा क्षेत्र के सांसद शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने पर यह सीट खाली हुई। वहीं कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत ने विजयपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया, जिससे यह सीट भी खाली हो गई है। दोनों ही सीट पर अब उपचुनाव होना है। बुधनी में भाजपा को शिवराज सिंह चौहान के कारण खासा मजबूत माना जा रहा है। यहां पर शिवराज सिंह चौहान की भूमिका प्रत्याशी चयन को लेकर अहम रहेगी। जबकि कांग्रेस को यहां पर उम्मीदवार की तलाश करना है। आठ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से अभिनेता विक्रम मस्ताल को टिकट दिया था, उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इस क्षेत्र से अब तक की सबसे बड़ी हार दर्ज कराई है। वे एक लाख 5 हजार वोटों से हारे थे। कांग्रेस यहां पर नए उम्मीदवार की तलाश में हैं।

विजयपुर में भाजपा की ओर से मंत्री रामनिवास रावत का चुनाव लड़ना तय है, जबकि कांग्रेस को यहां पर नए चेहरे की तलाश है। इस सीट पर 1990 से रामनिवास रावत ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। पार्टी के किसी भी नेता को इस सीट पर पिछले 34 साल से विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिला। ऐसे में कांग्रेस को मजबूत चेहरे की यहां पर तलाश है।

इधर बीना विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे को लेकर संशय बना हुआ है। वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बनी हैं, लोकसभा चुनाव के समय वे भाजपा में शामिल हो गई। इसी दौरान रामनिवास रावत भी भाजपा में शामिल हुए थे। रावत ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जबकि निर्मला सप्रे ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है।