*आन लाइन गेम्स में 6.38 लाख हारने पर बैंक कर्मी ने रची लूट की झूठी साजिश*
इटारसी से चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। 21 नवंबर को एक युवक डायल 100 को सूचना देता है कि माखन नगर रोड पर मामा ढाबे के पास उसके साथ दिनदहाड़े 88 हजार की लूट हो गई है। पुलिस ने जब स्पॉट पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की तो पीड़ित युवक लोकेश पिता राजेंद्र वर्मा निवासी न्यास कालोनी हाउसिंग बोर्ड के फटे हुए कपड़ों के पैटर्न को देखकर पुलिस को अजीब सा लगता है। क्योंकि इस युवक के कपड़े इस तरह से फ़टे थे जैसे कि किसी के द्वारा फाड़े गए हैं। उसके शरीर पर मारपीट या हल्की सी कोई चोट का भी कोई निशान नहीं था। बस इसी क्लू ने पुलिस को सच के सामने लाकर खड़ा कर दिया। लूट की शिकायत झूठी निकली और खुद को पीड़ित बताने वाला ही मास्टर माइंड निकला। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल
सूचना मिलने पर देहात थाना प्रभारी, निरीक्षक संजय चौकसे मौके पर पहुंचे थे।वहाँ एक लड़का अपनी मोटर सायकल के साथ खड़ा था व उसके कपड़े फटे हुये थे। नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम लोकेश वर्मा पिता राजेन्द्र वर्मा उम्र 27 साल निवासी एल आई जी 3, न्यास कालोनी हाउसिंग बोर्ड बताया। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह यस बैंक की सीएसई ब्रांच आउटलेट ग्राम जासलपुर में काम करता है। 21 नवंबर को दोपहर करीब 1.30 बजे वह बैंक से 88,000 रूपये अपने पिटटू बैग में लेकर यस बैंक की मैन ब्रांच नर्मदापुरम में जमा करने जा रहा था। बाबई रोड मामा के ढाबे के पास दो लोग जिनके चेहरे पर कपड़े बंधे हुये थे, ने उन लोगों को रोका और उससे मारपीट कर पिट्टू बैग जिसमें 88.000 हजार रुपये और दस्तावेज थे उनको लेकर अपनी बिना नंबर की मोटर सायकल से बाबई तरफ भाग गये। पुलिस ने लोकेश से घटना के सम्बंध में पूछताछ की तो लोकेश घटना के बारे में ठीक से नहीं बता पा रहा था । जिस तरह से लोकेश के कपड़े फटे हुये थे उसे देख कर ऐसा नहीं लग रहा था कि किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कपडे फाड़े गये है और लोकेश के शरीर पर किसी भी तरह की चोट नहीं थी। संदेह होने पर एवं घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण करने पर घटना किसी षडयंत्र की ओर इशारा कर रही थी। घटना संदिग्ध प्रतीत होने से सूचनाकर्ता लोकेश वर्मा से पुलिस ने सघन व सख्त पूछताछ की तो लोकेश के द्वारा लूट की घटना की झूठी रिपोर्ट करना स्वीकार कर लिया। उसने पूछताछ में बताया कि उसे पैसे लगाकर ऑनलाईन गेम्स खेलने का शौक है । जिसके कारण उस पर साढ़े पांच लाख का कर्जा हो चुका था। बैंक में जमा करने वाले 88,000 हजार रूपये भी वह आनलाईन गेम में हार गया था। अतः खुद को बचाने के लिये 88,000 हजार की लूट की यह झूठी कहानी रची। उस बैग को उसने जासलपुर से पहले पुलिया के पास खेत में झाड़ियों में छिपा दिया था। लोकेश की निशादेही पर उक्त बैग को भी बरामद किया गया। लोकेश वर्मा ने पूछताछ करने पर बताया कि उसने यह षडयंत्र बैंक में जमा करने वाले पैसे ऑनलाईन गेम में हार जाने के कारण अब वापस बैंक को न देना पड़े, इसलिये इस तरह लूट की यह झूठी कहानी रची थी। इस तरह पुलिस ने लगातार सघन जांच कर ,भौतिक साक्ष्यों के आधार पर लोकेश वर्मा के इस षडयंत्र का तुरंत खुलासा भी कर दिया।