
सड़कों के बाद महाकौशल में स्वास्थ्य नवाचार…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्य प्रदेश में इन दिनों महाकौशल सबका ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाकौशल के जबलपुर में सड़कों और फ्लाईओवर की बरसात की थी तो दो दिन बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जबलपुर पहुंचकर स्वास्थ्य सरोकारों की बौछार कर दी है। नड्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश हैल्थ केयर फैसिलिटी और इनोवेशन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास और विस्तार में मध्यप्रदेश का अभूतपूर्व प्रदर्शन है। नड्डा के यह शब्द हर मध्य प्रदेश वासी को गौरवांवित कर रहे थे।
नड्डा बोले देश बदल रहा है। टोटल हैल्थ केयर में हम एक नई कहानी लिख रहे हैं। तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि
बीमारी का इलाज और बीमार की मदद की व्यवस्था राज्य सरकार कर रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मध्य प्रदेश को देने के मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पीछे नहीं रहे। श्योपुर और सिंगरौली में नए मेडिकल कॉलेज का वर्चुअली लोकार्पण किया। बैतूल, कटनी, धार और पन्ना में निजी भागीदारी से पीपीपी मॉडल से नए मेडिकल कॉलेज बनेंगे। जबलपुर से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी से जुड़े कई नवाचारों का शुभारंभ हुआ। तस्वीर लगभग एक जैसी ही थी, कल गडकरी का मेगा था तो आज नड्डा का महामेगा शो स्वस्थ मध्य प्रदेश की कल्पना करवा रहा था।
मंत्री नड्डा और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रिमोट का बटन दबाकर श्योपुर और सिंगरौली जिले में नवनिर्मित नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों का वर्चुअली लोकार्पण किया। केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने इन दोनों मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स की 100-100 सीटों के प्रवेश के लिए केन्द्र सरकार की ओर से लैटर ऑफ परमिशन भी राज्य सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि लैटर ऑफ परमिशन के जरिए इन दोनों मेडिकल कॉलेज के संचालन और प्रवेश की प्रक्रिया भी आज से ही प्रारंभ कर दी गई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि हमारी नई स्वास्थ्य नीति में हमने बीमार होने के बाद इलाज करने की पुरानी व्यवस्था के बजाय नागरिक बीमार ही न पड़ें, इसके लिए प्रिवेन्टिव और प्रमोशनल हेल्थ केयर पर फोकस किया। टोटल हैल्थ केयर सेक्टर में हम विकास और विस्तार की एक नई कहानी लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का पहला ऐसा देश है, जिसने अपनी अधिकतम आबादी को बीमारी की इलाज के लिए 5 लाख रुपये सालाना हैल्थ कवरेज दिया है। आयुष्मान भारत निरामयम् योजना के जरिए हमने यह कर दिखाया है।
केन्द्रीय मंत्रीत नड्डा और मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में बैतूल, पन्ना, धार और कटनी जिले में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीअपी) मॉडल पर स्थापित होने वाले नए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लिए संबंधित निवेशक समूहों के साथ अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर एवं आदान-प्रदान भी किए गए। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 8 लाख पात्र वरिष्ठ नागरिकों को ‘वय वंदना कार्ड’ के वितरण कार्य का शुभारंभ करते हुए मंच से 5 वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदना के पीवीसी कार्ड का वितरण किया। साथ ही रिमोट का बंटन दबाकर ‘आयुष्मान सखी’ स्मार्ट चैटबॉट और आशा संवाद कार्यक्रम की शुरुआत भी की। मातृ-गर्भावस्था आहार प्रचार सामग्री एवं मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड का विमोचन भी किया गया। राज्य सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ‘स्वस्थ यकृत मिशन’ के तहत एक करोड़ लोगों की लीवर स्क्रीनिंग पूरी कर ली है। नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और मार्गदर्शन में स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। स्वस्थ भारत से ही सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण होगा।
श्री नड्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश हैल्थ सैक्टर में नेतृत्व प्रदान कर रहा है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत सरकार देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर क्रांतिकारी बदलाव कर रही है। पहले हमारी स्वास्थ्य नीति क्योरेटिव थी अर्थात बीमारी के बाद उसका इलाज करना। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में होलिस्टिक पॉलिसी बनी है, जिसमें प्रिवेंटिव क्योर, हैल्थ प्रमोशन जैसी बातों पर ध्यान दिया गया। एक लाख 77 हजार आरोग्य मंदिरों में डेंटल केयर, मेंटल केयर, कैंसर जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग शुरू की गई। 30 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति की आरोग्य मंदिर के माध्यम से हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बीमारों का दर्द कोई नहीं जानता, पर हमारी सरकार ने बीमार और उनके परिजन के दर्द को पहचान कर इलाज की व्यवस्था की है। मध्यप्रदेश में बीमारी का इलाज और बीमार की मदद की व्यवस्था हमारी सरकार भी कर रही है। सिर्फ इलाज ही नहीं बीमारियों के शोध कार्यों को भी हम प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोलने की शुरुआत की गई है।
तो महाकौशल के जबलपुर शहर को संस्कारधानी कहा जाता है। अब इसको सड़कों और स्वास्थ्य से जोड़कर किसी नए उपनाम से भी विभूषित किया जा सकता है। आम आदमी को खास इलाज मिल सके और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का मुरीद मध्य प्रदेश ही नहीं पूरा देश बने, यही उम्मीद है…।





