लाखों रुपए का फड़का खाकर चोबे जी बनने गए, छब्बेजी बनकर रह गए!

मामला रतलाम के सराफा बाजार की लाखों रुपए में इधर-उधर की गई दुकान का!

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लाखों रुपए का फड़का खाकर चोबे जी बनने गए, छब्बेजी बनकर रह गए!

रमेश सोनी की खास रिपोर्ट.

Ratlam : शहर के चांदनी चौक स्थित सराफा बाजार के आजाद चौक के बाहर बनी दुकानों में से दुकान नम्बर 2 आजाद क्लब को वर्षों पहले ऑफिस के लिए आबंटित की गई थी। इस दुकान का उपयोग चांदनी चौक से निकलने वाली अनन्त चतुर्दशी की झांकियों के सामान रखने के लिए उपयोग किया जाता था। इस दुकान को विगत 3 महीने पहले एक सोने-चांदी के व्यापारी द्वारा खोलते हुए फर्नीचर बनवाने का कार्य प्रारंभ करने पर क्षेत्रीय नागरिकों को हेरानी हुई। दुकान खोलने वाले व्यापारी ओम प्रकाश शर्मा ने ओम ज्वैलर्स के नाम से यहां ज्वैलर्स खोलने से पहले लाखों रुपए का फर्नीचर बनवाया जिसका काम चलते चलते 30 दिन लगे।

शुक्रवार शाम को जब निगम का अमला यहां पंहुचा तो ओम ज्वैलर्स के नाम से संचालन करते हुए संचालक शर्मा मिले पूछताछ करने के बाद अमले ने ज्वैलर्स का सामान बाहर निकलवाया और दुकान को सील कर दिया। निगम अधिकारी का कहना हैं कि यह दुकान आजाद क्लब के ऑफिस के लिए आबंटित की गई थी इसमें ऑफिस ही संचालित किया जा सकता हैं ना कि अन्य कोई व्यापार। उन्होंने बताया कि ज्वैलर्स के खुलने की लगातार निगम को शिकायतें मिलने पर निगम आयुक्त के निर्देश पर इसे सील किया गया हैं और निगम अमले द्वारा पजेशन लेने की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई!

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अब ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि इस ऑफिस को किसने दुसरे व्यक्ति को दुकान लगाने के लिए दें दी और आखिर वह कौन हैं? सूत्र बताते हैं कि इस दुकान को लाखों रुपए लेकर दी गई हैं इसका अधिकार किसे मिला? सूत्र यह भी बताते हैं कि जब इस दुकान को लेने से खरीदार को क्षेत्रीय लोगों ने मना किया तो उसने कहा कि कोई बात नहीं मैं जैसा भी होगा देख लुंगा, मैं सभी तरह से सक्षम हुं अब ऐसे में लाखों रुपए की राशि किसकी जेब में गई इस दुकान के लगवाने में किस-किसने सहयोग किया? यह सब पड़ताल का विषय हैं फिलहाल खरीदार को लाखों रुपए का फड़का लग गया!