कोरोना के तीन-तीन बार कहर ढाने के बाद खुलकर होली के रंगों में रंगने की खुशियां लेकर आया है यह साल। इसके बाद मिलन समारोहों के जरिए राजनेता भी होली की खुशियों को साझा करने का माध्यम बन रहे हैं। 20 मार्च 2020 से 20 मार्च 2022 के बीच लोगों ने कोरोना का जो मंजर देखा है, उसके दर्द भरे लम्हे शायद ही कोई भुला पाए। लेकिन बुरा वक्त गुजरते ही अच्छे वक्त का स्वागत करता दिख रहा है इस साल की होली का उत्सव।
जब लोगों ने बिना किसी डर के दिल खोलकर होली खेली, खरीदारी भी की, गुजियां भी खाईं और जी खोलकर गले भी मिले-बातें भी कीं। इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में राजनेताओं के बंगले भी अब होली मिलन समारोह के जरिए खुशियों के रंग साझा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता अरुण यादव और सचिन यादव ने रविवार को होली मिलन का सिलसिला शुरू किया, तो यह अब आगे बढ़ता जा रहा है। मंत्री विश्वास सारंग ने भी रविवार शाम अपनी विधानसभा के मतदाताओं संग मिलन समारोह में फूलों की होली खेली। और सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मिलन समारोह के जरिए होली की खुशियों के रंग बिखेरेंगे।
ऐसे में 20 मार्च 2020 का वह दिन स्मरण आ ही जाता है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाउस में बड़ी पत्रकार वार्ता आयोजित की थी। राजनीतिक घटनाक्रम निर्णायक मोड़ पर था। कुछ ऐसा ही लग रहा था कि पलड़ा पूरा दूसरी तरफ झुक चुका था, लेकिन सीएम हाउस में बैठे नाथ भी हार मानने को तैयार नहीं थे। लग रहा था कि जैसे उन्हें अब भी किसी करिश्मे का इंतजार था। और पत्रकार वार्ता में सैकड़ों की भीड़ में जब नाथ ने अपनी बात साझा करते हुए पद से इस्तीफा देने जाने का ऐलान किया, तब कांग्रेस सरकार के 15 माह के अध्याय पर विराम लगने पर मुहर लग चुकी थी।
पर इसके बाद जो बेचैनी वहां मौजूद रहे पत्रकारों को तोहफे में मिली थी, वह कोरोना की सीएम हाउस में मौजूद पत्रकारों के बीच एंट्री की थी। दरअसल एक पत्रकार के परिवार के सदस्य की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और वह इस पत्रकार वार्ता में मौजूद थे। शासन-प्रशासन एलर्ट हुआ और वहां मौजूद पत्रकारों को होम क्वैरेंटीन करने और आरटीपीसीआर जांच कराने का फरमान जारी हो गया था। डर इतना ज्यादा था कि परिवार की चिंता करते हुए अधिकतर ने खुद को आइसोलेट करते हुए कमरों में कैद कर लिया था। और घर के बाहर सूचना चस्पा करने वाले अमले से कई पत्रकारों की तीखी तकरार भी हुई थी।
उस पत्रकार वार्ता में सीएम हाउस में मौजूद पत्रकारों में एक मैं भी था। मैंने भी खुद को घर में अलग कमरे में कैद किया था। अमला मेरे घर भी पहुंचा था, पर तकरार की नौबत नहीं आई थी। रिपोर्ट निगेटिव आई, तब भी चौदह दिन तक बाहर झांकने की हिम्मत नहीं हुई थी। मंजर इतना खौफनाक था कि जब एक साल बाद कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल 2021 में पूरा परिवार कोरोना से त्रस्त हुआ, तब भी मार्च 2020 की तरह खौफजदा नहीं थे। हालांकि इस दूसरी लहर ने कई अपनों से बिछुडने पर मजबूर किया था। और ज्यादातर लोगों की आंखों को नम किया था।
खैर उसके बाद तीसरी लहर का दंश भी रहा। पर भगवान का शुक्र है कि यह वक्त खैरियत से गुजर गया। अस्पताल नहीं भरे, ऑक्सीजन और दवा-इंजेक्शन की कमी से जूझना नहीं पड़ा। और इसकी मेहरबानी ही है कि लोग दो साल बाद चैन की सांस ले पाए और होली के रंगों में सराबोर हो पाए। ऐसे में मिलन समारोह और मिलने-मिलाने का दौर तो बनता है। अरुण यादव के यहां हुए होली मिलन समारोह का सभी ने जमकर लुत्फ लिया, तो राजनीतिक चर्चाओं का बाजार भी गर्म रहा।
प्रदेश में अब ओबीसी केंद्रित राजनीति की चर्चा चल रही है, तो यह भी कयास लगे कि नाथ से संगठन की बागडोर कहीं ओबीसी खेमे में शिफ्ट होती तो नहीं दिख रही है। या फिर नेता प्रतिपक्ष के पद पर ताजपोशी का मौका किसी को मिलने वाला है। हालांकि चर्चाएं अपनी जगह, पर मिलन समारोह का आनंद सभी ने उठाया। और दिल से दिल मिले, ठंडाई के दौर भी चले और स्वादिष्ट भोजन की तारीफ भी हुई। शाम को आकर्षण का केंद्र मंत्री विश्वास सारंग का बंगला था। खुद मंत्री फूलों की होली खेलते और भजनों पर झूमते हुए अपनी विधानसभा के मतदाताओं संग खुशियां बांटते दिखे।भजन भी हिंदुत्व और भगवा फहराने का संदेश देते रहे। मंत्री जी और मतदाता झूमते रहे।
तो दो साल बाद 20 मार्च को शुरू हुआ समारोह का सिलसिला जारी है। 21 मार्च को विष्णु-शिव संग होली के बाद खुशियों का समागम होगा। और फिर नए नाम इस मिलन समारोह के क्रम को आगे बढ़ाएंगे और बिना मास्क और बिना चिंता के लोग एक-दूसरे से मिलते नजर आएंगे। उम्मीद यही कि प्रदेश-देश और दुनिया अब कभी उस बुरे दौर की साक्षी न बने, जो गुजर गए हैं। और लोग मिलते रहें, चेहरे पर मुस्कान खिलती रहे। मिलन समारोह होली के बाद भी सभी उत्सवों की खुशियों के साक्षी बनते रहें।