विवाद के बाद प्रदेश में संविदा चिकित्सकों को प्रमुख पदों के प्रभार देने पर लगाई रोक

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भोपाल: मध्यप्रदेश में पदोन्नति पर प्रतिबंध होंने के कारण कई जिलों में स्वास्थ्य विभाग में नियमित अधिकारी नहीं है। इसके चलते संविदा चिकित्सकों को प्रमुख पदों का प्रभार दिया जा रहा है। इसमें शिकायत और विवाद की स्थिति निर्मित होंने के बाद स्वास्थ्य आयुक्त ने ऐसे प्रभार दिए जाने पर रोक लगा दी है।

प्रदेश में वर्ष 2016 से पदोन्नति पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके चलते चिकित्सा संवर्ग में पदोन्नति से पूर्ति किये जाने वाले पदों जैसे जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला कुष्ठ अधिकारी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला कुष्ठ अधिकारी सहित अन्य प्रशासकीय और वित्तीय पदों पर जिला और राज्य स्तर से नियमित, पात्र चिकित्सकों को प्रभार सौपकर कार्य संपादित कराया जाता है।

लेकिन कुछ जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षकों द्वारा इन पदों का प्रभार संविदा चिकित्सक को सौपा जा रहा है। जिससे विवाद एवं शिकायत की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने प्रशासकीय और वित्तीय पदों पर संविदा चिकित्सकोें को प्रभार सौपने पर रोक लगा दी है।

शासन की अनुमति से होगी नियुक्ति-
संचालनालय स्तर से पदस्थापना प्रभार सौपे जाने तक जिला स्तर पर आवश्यकता हांने पर मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी का प्रभार सौपे जाने के लिए संबंधित विकासखंड के सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत वरिष्ठ नियमित चिकित्सा अधिकारी को सौपा जाएगा जिनका वेतन 56 सौ ग्रेड पे या उपर हो। इस वेतनमान को प्राप्त करने वाले चिकित्सक उक्त विकासखंड में पदस्थ नहीं होंने पर संस्था अंतर्गत पदस्थ अन्य वरिष्ठ चिकित्सक को प्रभार सौपा जाएगा। वरिष्ठ चिकित्सक प्रभार लेने के लिए सहमत नहीं हो अथवा संबंधित के विरुद्ध शिकायत जांच प्रचलित हो तो अगले क्रम पर पदस्थ कनिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को प्रभार सौपा जाएगा। यह निर्देश जिला स्तर से प्रभार सौपे जाने पर लागू होंगे।