इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के शहीद होने के बाद MP पुलिस अब नक्सलियों की कमर तोड़ने की तैयारी में,महिला नक्सली तरूणा से होगी पूछताछ 

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इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के शहीद होने के बाद MP पुलिस अब नक्सलियों की कमर तोड़ने की तैयारी में,महिला नक्सली तरूणा से होगी पूछताछ 

 

भोपाल: छत्तीसगढ़ में बुधवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में हार्क फोस के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के शहीद होने के बाद प्रदेश पुलिस अब नक्सलियों की कमर तोड़ने की रणनीति को निर्णायक दिशा देने के तैयारी में हैं। इसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए हाल में आत्मसमर्पण करने वाली दो महिला नक्सली बेहद अहम साबित हो सकती हैं।

अधिकारी मानते हैं कि इन दोनों से मिलने वाली जानकारी 31 मार्च 2026 तक प्रदेश से वामपंथी उग्रवाद को जड़ से खत्म करने के लक्ष्य को मजबूती देगी। दोनों इलाकों में पकड़ी गई इन महिला नक्सलियों की सक्रियता मध्यप्रदेश से सटे घने जंगलों में रही है, जहां लंबे समय से नक्सली गतिविधियां चुनौती बनी हुई थी।

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 1 नवंबर को 22 वर्षीय महिला नक्सली सुनीता ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इसके पांच दिन बाद 6 नवंबर को छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में कमला उर्फ तरूणा ने सरेंडर किया। दोनों महिलाएं मूलत: छत्तीसगढ़ की निवासी हैं, लेकिन वे लंबे समय से बालाघाट (मध्य प्रदेश), गोंदिया (महाराष्ट्र) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) के त्रि-जंक्शन वाले घने जंगलों में सक्रिय थीं। यह क्षेत्र सीपीआई (माओवादी) के महाराष्ट्र-एमपी-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन का कोर माना जाता है।

मध्यप्रदेश पुलिस अब छत्तीसगढ़ में सरेंडर करने वाली तरूणा से पूछताछ की तैयारी कर रही है। स्पेशल डीजी नक्सल विरोधी अभियान पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि तरूणा उसी दल का हिस्सा थी, जिसने जून में बालाघाट जिले के पचामा डाडर जंगलों में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में अपने तीन महिला और एक पुरुष साथी को खो दिया था। चारों पर 14-14 लाख रुपये का इनाम था। तरूणा उस मुठभेड़ से बचकर निकल गई थी।

तरूणा से पूछताछ बेहद महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि उससे दरेकासा एरिया कमेटी, मलाजखंड एरिया कमेटी और टांडा एरिया कमेटी जैसे सक्रिय नक्सली मॉड्यूलों की ताजा गतिविधियों की विश्वसनीय जानकारी मिलने की उम्मीद है। ये कमेटियां लंबे समय से बालाघाट और मंडला जिलों में नक्सली मूवमेंट का आधार रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों महिला नक्सलियों से जो जानकारी मिलेगी वह आने वाले महीनों में प्रदेश के नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक दिशा दे सकती है।