Daughter’s Donation: बेटियों के कन्यादान की रस्म के खिलाफ,मध्यप्रदेश मे ही फिर हुई जोरदार पहल

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Daughter’s Donation: बेटियों के कन्यादान की रस्म के खिलाफ

श्रीप्रकाश दीक्षित की विशेष रिपोर्ट

Bhopal: पिछले महीने ही कौन बनेगा करोड़पति के सशक्त मंच से मध्यप्रदेश के उस चम्बल की राजपूत महिला,जहां कभी पैदा होते ही बेटी को मार दिया जाता था, (Daughter’s Donation)कन्यादान की प्रथा के खिलाफ जोरदार आवाज उठा चुकी हैं.एक करोड़ की विजेता गीतासिंह गौर ने अमिताभ बच्चन से कहा की वे कन्यादान के सख्त खिलाफ हैं

क्योंकि कन्याएँ दान की वस्तु नहीं है.यदि हमने कन्यादान कर दिया तो फिर मायका बेटी का नहीं रहेगा. उन्होने जानकारी दी की मैंने दोनों बेटियों के हाथ पीले जरूर किए हैं पर कन्यादान (Daughter’s Donation) नहीं किया.अब दिसंबर मे हो रही बेटे की शादी मे भी कन्यादान नहीं होगा. गीताजी इसके बजाए गृहलक्ष्मी प्रवेश की रस्म पर ज़ोर देती हैं.

Daughter's Donation: बेटियों के कन्यादान की रस्म के खिलाफ,मध्यप्रदेश मे ही फिर हुई जोरदार पहल
IAS-Tapasya-Parihar

गीता सिंह की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश केडर की आईएएस अधिकारी तपस्या परिहार ने भी आईएफएस अधिकारी गर्वित गंगवार से विवाह मे यह कह कर कन्यादान की रस्म नहीं होने दी की मैं दान की चीज नहीं हूँ. तपस्या ने कहा की मैं हमेशा मातापिता की बेटी रहूँगी.

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उन्होने बेटियों का सरनेम बदले जाने पर भी सवाल उठाया है.इस प्रकार वो 53 साल की गीतासिंह के बाद महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एम्बेसडर बनने के साथ ही आत्मनिर्भरता की चाहत रखने वाली महिलाओं की रोल माडल भी बन गईं हैं.