उपचुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बदलने की तैयारी में AICC,भंवर जितेंद्र सिंह ने खुद हटने की पेशकश की, असम में प्रभारी का काम देखते रहेंगे

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उपचुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बदलने की तैयारी में AICC,भंवर जितेंद्र सिंह ने खुद हटने की पेशकश की, असम में प्रभारी का काम देखते रहेंगे

भोपाल:भंवर जितेंद्र सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने इस संबंध में खुद हटने की इच्छा जताई है। इस संबंध में उनकी राहुल गांधी सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हो चुकी है। हालांकि वे असम के प्रभारी बने रहने के लिए तैयार हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में अब वे काम करने को तैयार नहीं है। इसके चलते ही वे उपचुनाव में भी ज्यादा सक्रिय नहीं रहे।
सूत्रों की मानी जाए तो भंवर जितेंद्र सिंह ने पार्टी को यह लिखकर दिया है कि उन्हें मध्य प्रदेश के प्रभारी पद से हटा दिया जाए और उनकी जगह पर किसी अन्य महासचिव को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी जाए। जितेंद्र सिंह ने असम के प्रभारी के रूप में काम करने की ही इच्छा जताई है और वे वहीं पर ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहते हैं। असम में वर्ष 2026 के शुरूआत में विधानसभा के चुनाव होना हैं, ऐसे में वे अब ज्यादा से ज्यादा समय वहीं पर देना चाहते हैं। गौरतलब है कि जितेंद्र सिंह के पास असम के साथ ही अतिरिक्त रूप से मध्य प्रदेश का भी प्रभार है।
ऐसा माना जा रहा है कि भंवर जितेंद्र सिंह और यहां के कुछ नेताओं के संबंधों में खटास आ गई है। इसके चलते प्रदेश के कई नेता इस प्रयास में दिल्ली में सक्रिय है कि उन्हें मध्य प्रदेश से हटा दिया जाए। इस स्थिति को भांपते हुए जितेंद्र सिंह ने ही यह लिख कर दे दिया कि उन्हें मध्य प्रदेश का काम नहीं देखना है।
ऐसी स्थिति निर्मित होने के बाद अब यह दिल्ली में भी तय हो गया है कि महाराष्ट्र, झारखंड के साथ ही मध्य प्रदेश के विजयपुर और बुधनी के उपचुनाव के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को हटा कर किसी दूसरे महासचिव को यहां का प्रभार दे दिया जाए। हालांकि अभी चुनाव के कारण यह तय नहीं हो सका है कि किस महासचिव को यहां का प्रभार दिया जाए।

*ये नहीं आना चाहते*
मध्य प्रदेश में पार्टी के कई महासचिव बतौर प्रभारी के रूप में काम नहीं करना चाहते हैं। मध्य प्रदेश में दीपक बाबरिया, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला फिर से नहीं आना चाहते हैं। ये तीनों प्रदेश के प्रभारी रह चुके हैं। ऐसे में इन तीन महासचिवों को छोड़ कर किसी अन्य महासचिव को यहां का प्रभार दिया जा सकता है। संभावना है कि सचिन पायलट या कुमारी सैलजा को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया जा सकता है। सचिन पायलट अभी छत्तीसगढ़ के प्रभारी है और कुमारी सैलजा उत्तराखंड की प्रभारी हैं।