AICC Election : AICC अध्यक्ष की रेस में खड़गे बहुत आगे, G-23 भी साथ आया  

G-23 के नेताओं ने भी थरूर का साथ छोड़ा 

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ICC Election : AICC अध्यक्ष की रेस में खड़गे बहुत आगे, G-23 भी साथ आया  

New Delhi : कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तस्वीर साफ़ हो गई हो। अब मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच ही होना है। लेकिन, खड़गे के मुकाबले में थरूर बहुत पीछे हैं। वैसे भी वे कभी रेस में आगे दिखाई नहीं दिए। अब स्थिति ये है कि कांग्रेस के असंतुष्ट गुट ‘G-23’ ने भी उनका साथ छोड़ दिया। पार्टी आलाकमान के खिलाफ हमेशा मुखर रहने वाले समूह में भी दो फाड़ हो गई। मनीष तिवारी और आनंद शर्मा गुट के ही दूसरे सदस्य शशि थरूर का साथ नहीं देंगे। दोनों ने खुलकर मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को समर्थन देने की बात कही।

AICC अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के 30 नेताओं ने खड़गे के नाम का प्रस्ताव किया है। इनमें अशोक गहलोत, दिग्व‍िजय सिंह से लेकर कमलनाथ और मनीष तिवारी तक के नाम सामने आए। अब एक नाम है, जो चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले से अब तक रेस में बना रहा, वह है शशि थरूर का। थरूर रेस में जरूर हैं, पर कभी नहीं आगे दिखाई नहीं दिए।

मल्लिकार्जुन खड़गे के रेस में आ जाने से पूरा समीकरण बदल गया। कांग्रेस में जिस तरह से उनके नाम का प्रस्ताव रखा गया है वह अपने आप में बहुत कुछ कह देता है। थरूर इस मुकाबले में शुरू से हैं, लेकिन, उन्हें सपोर्ट करने वाले कभी सामने नहीं आए। जबकि, AICC अध्यक्ष पद के लिए 30 कांग्रेसी नेताओं ने खड़गे के नाम का प्रस्ताव किया है। जबकि, इनमें से अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह के तो चुनाव लड़ने की अटकलें थीं।

खड़गे के साथ G-23  

मनीष तिवारी और आनंद शर्मा तक ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए खड़गे को समर्थन देने की बात कही है। जबकि, मनीष तिवारी का नाम भी चुनाव लड़ने वालों में शामिल था। G-23 उन्‍हीं नेताओं की टोली है जिसने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में ग्रुप ने संगठन में आमूलचूल बदलाव की पैरवी की थी। उसने कांग्रेस के आलाकमान पर भी सवाल उठाया था। थरूर भी उसी टोली के सदस्य हैं।

मनीष तिवारी और आनंद शर्मा ने अपने ग्रुप के मेंबर के बजाय मल्लिकार्जुन खड़गे के नॉमिनेशन का समर्थन किया है। तिवारी और शर्मा दिल्‍ली में खड़गे के नॉमिनेशन का समर्थन करने AICC के दफ्तर भी पहुंचे। तिवारी ने तो यह भी कहा कि उन्होंने खड़गे के नामांकन में समर्थन किया है। शशि थरूर उनके दोस्त हैं और रहेंगे। कांग्रेस में जिन्‍होंने अपना पूरा जीवन दिया है, वो यहां हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि शशि थरूर ने परंपरा को मजबूत करने की कोशिश की है। दोनों ने कहा है कि इस मुकाबले से कांग्रेस मजबूत होगी।

खड़गे के रास्ते में कोई अड़चन नहीं 

कांग्रेस के ज्‍यादातर सीनियर नेताओं के रुख से साफ है कि खड़गे के लिए पार्टी के अध्यक्ष बनने का रास्‍ता बहुत कठिन नहीं होगा। वह शशि थरूर पर बहुत ज्‍यादा भारी पड़ेंगे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इसके बाद कहा कि उनके पास पार्टी को मजबूत करने का नजरिया है, जो ‘बदलाव’ लाएगा। नामांकन दाखिल करने के बाद थरूर ने खड़गे से मुकाबले के सवाल पर कहा कि वह कांग्रेस के भीष्म पितामह हैं। यह एक दोस्ताना मुकाबला है। वे कोई दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। वह उनका अनादर नहीं करते। लेकिन, अपने विचार जाहिर करेंगे। थरूर और खड़गे दोनों दक्षिण भारत से नाता रखते हैं। वहीं, पार्टी के अधिकतर प्रतिनिधि जो चुनाव में मतदान करेंगे, वे हिंदी भाषी राज्यों से हैं। कर्नाटक के नेता खड़गे गांधी परिवार की पसंद हैं। यह भी एक कारण है कि उन्हें इतना जोरदार समर्थन मिला है।