Air India plane crash: ब्रिटिश परिवारों को गलत शव मिलने का आरोप

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Air India plane crash: ब्रिटिश परिवारों को गलत शव मिलने का आरोप

 

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, पीड़ित ब्रिटिश परिवारों ने दावा किया कि उन्हें अपने परिजनों की बजाय गलत शव या मिश्रित अवशेष सौंपे गए। लंदन स्थित वकीलों ने बताया कि कम-से-कम दो मामलों में शव की पहचान डीएनए जांच में गलत पाई गई। कुछ परिवारों को अंतिम संस्कार की रस्म भी रद्द करनी पड़ी, जब यह खुलासा हुआ कि ताबूत में अनजान व्यक्ति का शव था, तो एक केस में दो व्यक्तियों के अवशेष एक ही ताबूत में मिले।

ब्रिटेन के वकील *James Healy-Pratt* के मुताबिक, इन घटनाओं ने परिवारों को गहरा मानसिक आघात पहुंचाया और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गंभीर विफलता सामने आई। वकीलों और परिवारों ने आरोप लगाया कि शवों की पहचान, डीएनए सत्यापन और हैंडलिंग में लापरवाही हुई है। शवों की शिनाख्त अहमदाबाद सिविल अस्पताल में की गई थी, जबकि एयर इंडिया का रोल शवों के परिवहन व लॉजिस्टिक्स तक सीमित था।

*भारत सरकार और एयर इंडिया की प्रतिक्रिया*

भारत सरकार ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता *रणदीप जयसवाल* ने स्पष्ट किया: “दुर्घटना के बाद पीड़ितों की पहचान और अवशेषों को परिवारों तक सौंपने की प्रक्रिया तयशुदा प्रोटोकॉल और सभी तकनीकी मानकों के अनुरूप पूरी गरिमा और संवेदनशीलता के साथ की गई। फिर भी, ब्रिटिश परिवारों द्वारा जताई गई किसी भी चिंता को लेकर हम यूके प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं और जांच में हर आवश्यक सहयोग व सुधार कर रहे हैं।”

एयर इंडिया और लॉजिस्टिक्स पार्टनर *Kenyons International* ने भी स्पष्ट किया कि शवों की पहचान और सीलिंग की प्रक्रिया राज्य प्रशासन और अस्पताल द्वारा की गई थी; वे केवल लॉजिस्टिक सहयोग में शामिल थे।

वहीं ब्रिटिश अधिकारी और प्रधानमंत्री *कीर स्टारमर* ने भी संकेत दिया है कि वे अपनी भारत यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी से परिवारों की चिंता और जांच के मुद्दे पर बात करेंगे।

*निष्कर्ष*  

यह मामला प्रशासनिक व तकनीकी स्तर पर गंभीर खामी की ओर इशारा करता है और संवेदनात्मक प्रबंधन की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी को उजागर करता है। भारत सरकार और एयर इंडिया ने जहां अपनी प्रक्रिया को सही बताया है, वहीं ब्रिटेन की ओर से परिवारों का दुख और जांच की मांग बरकरार है। फिलहाल दोनों देश संयुक्त रूप से जांच और भविष्य के लिए बेहतर प्रोटोकॉल पर काम कर रहे हैं।