By Improving Air Quality To Make Indore Top 10 Cities Of The Country
– निर्माणाधीन भवनों को ग्रीन नेट से कवर करने के आदेश
– मलबे को खुला एकत्रित करने और बिना ढके परिवहन पर प्रतिबंध
– 15 साल से ज्यादा पुराने डीजल चलित व्यवसायिक वाहनों पर रोक
– छोटे होटलों में कोयले के तंदूर के इस्तेमाल पर रोक, 85 तंदूर बंद कराए
– पराली जलाने पर प्रतिबंधों का पालन कराया जा रहा
Indore : वायु गुणवत्ता (Air Quality) में सुधार करके इंदौर को बेहतर आबोहवा वाले देश के टॉप-10 शहरों में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई बेहतर आबोहवा वाले 43 शहरों की सूची में वर्तमान में इंदौर 13वें नंबर पर है।
Commissioner डॉ पवन कुमार शर्मा ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (National Clean Air Program) के तहत वायु गुणवत्ता के सुधार के संबंध में बनाए एक्शन प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए गठित अंतरविभागीय समिति की बैठक में कहा कि सभी विभाग इसके लिए काम करें।
बैठक में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत वायु गुणवत्ता के सुधार के संबंध में बनाए एक्शन प्लान के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। बताया गया कि नगर निगम इंदौर को शहर की वायु गुणवत्ता की सुधार के संबंध में बनाए एक्शन प्लान के विभिन्न कार्यों के लिए 15वे वित्त आयोग के तहत वर्ष 2020-21 में 101 करोड़ दिए थे। इस राशि से नगर निगम द्वारा व्यापक कार्य कराए गए।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में पराली जलाने पर प्रतिबंधों का पालन कराया जा रहा है। खुले में कचरा जलाने के विरूद्ध भी कार्रवाई की जा रही है। आयुक्त नगर निगम प्रतिभा पाल ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम द्वारा 29 स्थानों पर स्पॉट फाइन की कार्रवाई कर 14450 का अर्थदंड किया गया। पिछली बैठक में लिए निर्णय के मुताबिक नगर निगम ने धूल उड़ने वाले स्थानों को चिंहित कर जल छिड़काव की व्यवस्था की है। कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन (C&D) वेस्ट एवं अन्य वेस्ट के संग्रहण एवं निपटान की सुचारू व्यवस्था के लिए 100 TPD का ट्रीटमेंट प्लांट एवं पांच ट्रांसफर स्टेशन है।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, पुलिस अधीक्षक अरविंद तिवारी, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) विवेक श्रोत्रिय, एकेवीएन (AKVN) के प्रबंध संचालक रोहन सक्सेना, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के सदस्य सचिव अच्युत मिश्रा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके गुप्ता सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन वेस्ट की प्रभावी रोकथाम के लिए सभी निर्माणाधीन भवनों को बिल्डर द्वारा ग्रीन नेट के माध्यम से कवर करने की अधिसूचना जारी की गई है। मलबे को खुले में एकत्रित करने एवं वाहनों में बिना ढके ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। छोटे होटलों में कोयले के तंदूर के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बारे में बताया गया कि इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है। अभी तक 85 तंदूर बंद करवाए जा चुके हैं।
प्रदूषण पर नियंत्रण
15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल चलित व्यवसायिक वाहनों पर रोक, वाहनों में प्रदूषण जांच आदि के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया गया है। वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच के लिए केन्द्र बनाए जाने के संबंध में सभी आइल कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं। बताया गया कि अभी तक 23 प्रदूषण जांच केन्द्र खोले जा चुके हैं। पेट्रोल पम्पों में फ्यूल एडल्ट्रेशन नियमित रूप से की जा रही है। इस संबंध में खाद्य विभाग द्वारा गत जुलाई से लेकर अभी तक 34 पेट्रोल पम्पों की जांच की गई। इनके द्वारा 103 वाहनों में ईधन की जांच की गई, इनमें से तीन वाहन संचालकों के विरूद्ध FIR दर्ज कराई गई।
Also Read: Jhooth Bole Kouwwa Katen ! झूठ बोले कौआ काटे : राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट
निशुल्क PUC प्रमाण पत्र
संभाग आयुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा ने कहा कि ईधन वितरक कंपनियां पेट्रोल पम्प में वाहनों के प्रदूषण संबंधी जांच में सक्रियता रखें। शहर के प्रवेश मार्गों में चिन्हित पेट्रोल पम्पों में यह सुविधा रखें कि 5 हजार रूपए का ईधन भरवाने पर नि:शुल्क प्रदूषण की जांच कर वाहन को पीयूसी (PUC) प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
सीएनजी बसों के ऑर्डर
अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (AICTSL) द्वारा 400 सीएनजी बसों के टेंडर किए जा चुके हैं। 31 मार्च तक उक्त सभी बसें मिल जाएंगी। साथ ही राज्य शासन से अमृत योजना के अंतर्गत 250 सीएनजी बसों की स्वीकृति मिल गई है। इनके भी टेंडर हो चुके हैं। इंदौर में ई-रिक्शा के 51 रूट निर्धारित हो चुके हैं। इन पर 150 वाहन चालकों ने ई-रिक्शा संचालन की अनुमति ली है।