

Akshay Tratiya 2025: गुरु शुक्र ग्रह अस्त लेकिन होंगे विवाह,बाल विवाह रोकने की कवायत में जुटे अफसर
अलीराजपुर से राजेश जयंत की खास रिपोर्ट
Akshay Tratiya 2025: देश और मध्य प्रदेश में अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त के विवाह समारोह संपन्न होते हैं। इस बार भी यह आयोजन बड़े पैमाने पर होगा। हालांकि गुरु, शुक्र, ग्रह अस्त होंगे लेकिन विवाह समारोह तो होंगे ही, रुकने वाले नहीं है। इसी बीच बाल विवाह रोकने की कवायद में अफसर अभी से जुट गए हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल की शाम 5 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट होगा। उदयातिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को ही मनाई जाएगी।
अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त की
चिंता किए कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है।
इस वर्ष अक्षय तृतीया के दिन गुरु और शुक्र ग्रह अस्त होंगे। फिर भी विवाह हो रहे हैं। जानकारों का मानना है कि अक्षय तृतीया अपने आप में अबूझ मुहूर्त है, इसलिए विवाह किये जा सकते हैं।
*कलेक्टर के निर्देश पर कार्य योजना*
बिना किसी मुहूर्त के इस दिन होने वाले विवाह कार्यक्रमों में बाल विवाह ना हो इसके लिए अलीराजपुर में कलेक्टर डॉक्टर अभय अरविंद बेडेकर के निर्देश पर संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी महिला बाल विकास प्रियांशी भंवर ने जिले के समस्त परियोजना अधिकारियों की बैठक लेकर बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की।
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी जिला अधिकारी प्रियांशी भंवर ने “लाडो अभियान” अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम के लिए आयोजित बैठक में कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की या 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह माना जाता है। नाबालिक उम्र में विवाह शारीरिक, मानसिक और आर्थिक क्षति की बड़ी वजह बनता है। बाल विवाह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, और विकास को प्रभावित कर उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
*बाल विवाह कानूनन अपराध*
भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार, 18 साल से कम उम्र की लड़की या 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह कानूनी रूप से अवैध है। यदि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की या 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करता है तो वह कानूनन अपराध है।
*सजा व जुर्माना*
बाल विवाह करने पर संबंधित को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार दो साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
*सहयोगी भी सजा के भागीदार*
बाल विवाह में शामिल होने वाले व्यक्ति या परिवार को भी सजा का भागीदार बनाया जा सकता है। यदि माता-पिता या अभिभावक बाल विवाह की अनुमति देते हैं या उसमें सहायता करते हैं तो उन्हें भी सजा हो सकती है।
*बाल विवाह रोकना सभी की जिम्मेदारी*
बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की सूचना दे सकता है और पुलिस या अदालत से कार्रवाई की मांग कर सकता है।
यदि आप बाल विवाह से संबंधित कोई सूचना या मदद चाहते हैं, तो आप टोल फ्री नंबर 15100 पर संपर्क कर सकते हैं। अलीराजपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी जिला परियोजना अधिकारी ने विकासखंड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपके आसपास कहीं पर भी बाल विवाह हो रहा हो तो उसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम पर देकर दो जिंदगी को खराब होने से बचाए।
*अलीराजपुर जिले के कंट्रोल रूम*
1-अलीराजपुर-
अधीक्षक सरदार सिंह चौहान 7898053225
परियोजना अलीराजपुर पवन बामनिया 8965057447
2-च.शे. आजाद नगर-
संजय कनेश सहायक ग्रेड-03 मोबा 9406870456
3-उदयगढ़-
मुकेश भूरिया परियोजना अधिकारी मोबा 9589366817
4-जोबट-
रेतमसिंह गुजरिया परियोजना अधिकारी मोबा 7869294142
5-सोंडवा-
आकाश डावर परियोजना अधिकारी मोबा 8827873006
6-कट्ठीवाड़ा-
शैलेंद्रसिंह डावर परियोजना अधिकारी मोबा 8085606012