

Alert Administration: सोशल मीडिया पर प्रशासन की पैनी नजर, प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
राजेश जयंत की रिपोर्ट
अलीराजपुर। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर भ्रामक, आपत्तिजनक और भावनाओं को भड़काने वाली पोस्ट पर प्रशासन द्वारा पेनी नजर रखी जा रही है। अक्सर असामाजिक तत्व इस तरह के माहौल में सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने, बिखेरने का कुप्रयास करते हैं।
अलीराजपुर एसपी राजेश व्यास ने आशंका जताई है कि जिले में असामाजिक तत्वों के द्वारा वाट्सअप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, फेसबुक, एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सामाजिक ताने-बाने को तोडने एवं विभिन्न समुदायों के मध्य संघर्ष एवं वैमनस्यता की स्थिति निर्मित करने की मंशा से आपत्तिजनक संदेश, चित्र, ऑडियो- वीडियो स्लीपिंग, टेक्स्ट मैसेज /सूचनाओं को वायरल किया जा सकता है।
असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसा कुछ भी किए जाने की स्थिति में क्रॉस कमेंट्स/रिप्लाई भी होते ही है। इससे समाज में वैमनस्यता का संचार होता है। कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की प्रबल संभावना होती है। उक्त आशय का प्रतिवेदन एसपी राजेश व्यास ने कलेक्टर डॉ बेडेकर को सौपा।
*एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश*
अलीराजपुर कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर ने बताया कि पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार इस तरह की स्थिति निर्मित ना हो अथवा निर्मित होने पर कानूनी कार्यवाही एवं दंड का प्रावधान होना अति आवश्यक है। इससे असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगता है। वर्तमान हालातो में इसकी नितांत आवश्यकता है।
पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास के प्रतिवेदन से सहमत होते हुए कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर ने जिले में मानव जीवन की सुरक्षा, लोकशांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण अलीराजपुर जिले सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्वसाधारण के पालनार्थ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
*प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार-*
-सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक संदेश, चित्रों, वीडियो, ऑडियो, मैसेज पोस्ट नहीं करेगा.
-सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्ति असामाजिक एवं व्यक्तिगत रूप से आपतिजनक व अश्लील संदेशों को प्रकाशित नहीं करेगा ।
-किसी भी प्रकार के आपतिजनक, द्वेषपूर्ण अथवा धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले संदेश एवं चित्र, ऑडियो, वीडियो प्रसारित नहीं करेगा।
-ऐसे चित्र, वीडियो, ऑडियो, कमेंट्स आदि प्रतिबंधित रहेंगे जो आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता से संबंधित है.
-ऐसे चित्र, ऑडियो, वीडियो, जो महिला एवं अल्पसंख्यक वर्ग या समुदाय, जाति विशेष के विरुद्ध प्रतिकूल टिप्पणी करते हो, प्रतिबंध रहेंगे ।
-किसी भी जुलूस, आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का उपयोग, प्रदर्शन एवं साथ लेकर चलना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा ।
-आयोजनों में ऐसे नारे अथवा उत्तेजित शब्दों का प्रयोग नहीं किया जावेगा। जिससे किसी भी धर्म/वर्गों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचे।
आदेश के अनुसार यदि ऐसा कहीं, कुछ भी पाए जाने की दशा में संबंधित त्रुटि कर्ता के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजक/ आयोजकों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाकर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।
उक्त आदेश आदेश सोमवार 28 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है। यदि कोई भी नागरिक इसका उल्लंघन करता है तो संबंधित के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 एवं अन्य सुसंगत प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही अभियोजित की जाएगी।
एसपी राजेश व्यास ने बताया कि सोशल मीडिया के समस्त प्लेटफार्म पर पुलिस प्रशासन की नजर है। शांति, सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने, भावनाओं को भड़काने जैसे प्रयासों पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।