ALIRAJPUR: आदिवासी किशोरी से दुष्कर्म और धर्मांतरण मामले में बुलडोजर कार्यवाही पर अड़ा समाज, प्रशासन दुविधा में

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ALIRAJPUR: आदिवासी किशोरी से दुष्कर्म और धर्मांतरण मामले में बुलडोजर कार्यवाही पर अड़ा समाज, प्रशासन दुविधा मे

▪️राजेश जयंत▪️

ALIRAJPUR : जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले के जोबट में किशोरी के साथ दुष्कर्म और धर्मांतरण दबाव का मामला पूरे जिले में चिंता का विषय बना हुआ है। पुलिस ने अहमद शेख, अमजद खत्री और इमरान पुत्र याकूब को पोक्सो, एससी एसटी एक्ट और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की गंभीर धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। समाज इतने मात्र से संतुष्ट नहीं है। लगातार मांग की जा रही है कि आरोपियों के मकानो पर बुलडोजर चलाया जाए। रैली ज्ञापन आदि के माध्यम से की जा रही मांग और दी जा रही टाइम लिमिट अब तक बेअसर है। प्रशासन की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई नहीं होने से समाज में नाराजगी पनप रही है। शनिवार को इसी परिपेक्ष्य में हिंदू जनजाति संगठन ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इसमें संगठन के जिला अध्यक्ष राजेश डुडवे ने बुलडोजर कार्रवाई की मांग को दोहराया। समर्थन में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश अग्रवाल, संघ के वरिष्ठ राजू भाई टवली, भाजपा जिला मंत्री अनसूया सोमानी समाज के अनेक लोग प्रेस वार्ता का हिस्सा बने।

▪️क्या जोबट मध्य प्रदेश से अलग है..
▫️संगठन के जिलाध्यक्ष राजेश डुडवे ने साफ कहा कि संवैधानिक- असवैधानिक हमें नहीं पता… समाज में आक्रोश है, मध्य प्रदेश में अन्य कई जगह ऐसी कार्रवाई की गई है… तो फिर जनजातीय समाज की बेटी के साथ घटित जघन्य मामले में प्रशासन बुलडोजर कार्यवाही में पीछे क्यों हट रहा है… क्या जोबट मध्य प्रदेश से अलग है..?
प्रेस वार्ता में भाजपा जिला मंत्री अनुसुइया सोमानी ने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं होती तो महिला शक्ति सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेगी। सामाजिक कार्यकर्ता माया बामनिया ने कहा कि बच्चियों की सुरक्षा को लेकर जिले में गंभीर चिंता है और इस मामले में त्वरित प्रशासनिक कदम आवश्यक हैं।

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बुधवार को जोबट बंद के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष सहित समाज के अनेक लोगों ने दुष्कर्म एवं धर्मांतरण का दबाव बनाने वाले आरोपियों के मकान पर बुलडोजर चलाने की मांग की थी।

▪️नगर परिषद ने जारी किया नोटिस
▫️नगर परिषद जोबट के सीएमओ संतोष राठौड़ ने बताया कि आरोपी अहमद को आवासीय उपयोग के लिए भूमि का आवंटन किया गया था किंतु वहां व्यवसायिक कामकाज चल रहा है। अतः पट्टा निरस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया था। नोटिस की निर्धारित जवाब अवधि पूरी हो चुकी है और अब आगे की कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर लंबित है।

▪️प्रशासन के सामने चुनौती
▫️प्रशासन के सामने कानूनी प्रक्रिया और जनभावना – दोनों को संतुलित रखने की चुनौती खड़ी हो गई है। जोबट प्रशासन इस समय कानूनी प्रावधानों, सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों और जनता की अपेक्षाओं — तीनों के बीच संतुलन बनाने की स्थिति में है। समाज का दबाव लगातार बढ़ रहा है और राजनीतिक स्तर पर भी मामला सक्रिय है।
अब प्रशासन के अगले निर्णय पर ही यह निर्भर करेगा कि क्षेत्र में स्थिति सामान्य दिशा में बढ़ेगी या और अधिक तनावपूर्ण हो सकती है।