सलाल डैम के सभी गेट बंद, अखनूर में सूखी चेनाब — पाकिस्तान में मचा हड़कंप!

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सलाल डैम के सभी गेट बंद, अखनूर में सूखी चेनाब — पाकिस्तान में मचा हड़कंप!

कीर्ति किरण कापसे की रिपोर्ट

सलाल हाइड्रो डैम के सभी गेट बंद किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के अखनूर क्षेत्र में चेनाब नदी का जल स्तर ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। हालत यह है कि लोग अब इस विशाल नदी को पैदल पार कर रहे हैं — एक ऐसा दृश्य जो पहले कभी नहीं देखा गया।

*चेनाब की धड़कन थमी, पाकिस्तान की चिंता बढ़ी*
अखनूर वही बिंदु है जहां से चेनाब नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है। ऐसे में भारत द्वारा सलाल डैम के गेट बंद करना केवल एक जल प्रबंधन निर्णय नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संकेत भी माना जा रहा है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि चेनाब नदी पर भारत की यह जल-नीति पाकिस्तान के लिए गंभीर संकट बन सकती है। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि पूरी तरह से सिंचाई पर निर्भर है और चेनाब उसका एक प्रमुख स्रोत है। यदि पानी की आपूर्ति लंबे समय तक बाधित रही, तो फसलें चौपट हो सकती हैं और पेयजल की भारी किल्लत उत्पन्न हो सकती है।

*क्या है भारत का अधिकार?*

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुए इंडस वॉटर ट्रीटी के अनुसार, भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पूरा उपयोग मिला है, जबकि सिंधु, झेलम और चेनाब पाकिस्तान को आवंटित हैं। हालांकि, भारत को इन नदियों पर ‘नॉन-कन्जम्पटिव यूज’ जैसे बिजली उत्पादन और सीमित भंडारण की अनुमति है। सलाल डैम एक ऐसा ही पनबिजली प्रोजेक्ट है, जो इस संधि के तहत पूरी तरह वैध है।

*राजनीतिक संकेत या जल प्रबंधन?*

भले ही यह कदम तकनीकी दृष्टि से वैध हो, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक चेतावनी भी हो सकती है — अगर पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहता है, तो भारत जल-प्रबंधन की रणनीति से दबाव बना सकता है।

अखनूर में सूखती चेनाब भारत की जल-शक्ति का नया प्रतीक बनती जा रही है। यह घटना यह दर्शाती है कि आने वाले समय में पानी न केवल जीवन का स्रोत होगा, बल्कि कूटनीतिक हथियार भी बन सकता है।