

Allegation of Misrepresentation in ‘Chhava’ : ‘छावा’ में गनोजी-कान्होजी के गलत चित्रण पर उनके वंशजों को आपत्ति!
Mumbai : दर्शकों की पसंद बनी फ़िल्म ‘छावा’ बॉक्स ऑफिस पर भी कमाई के रिकॉर्ड बना रही है। लेकिन, फ़िल्म में फिल्माए गए ऐतिहासिक तथ्यों पर नए-नए विवाद भी खड़े हो रहे, जो ऐसी फिल्मों के साथ अकसर होता आया है। ‘छावा’ को देशभर से प्यार मिल रहा है। लेकिन, लगता है यह मराठा योद्धाओं गनोजी और कान्होजी शिर्के के वंशजों को नाराज कर रही है। फिल्म में दोनों को नकारात्मक रूप में दिखाने का आरोप लगाकर 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी भी दी गई। इसके बाद निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने शिर्के के वंशजों से माफी मांगकर इस विवाद को खत्म करने की पहल की है।
फ़िल्म में दिखाया गया कि छत्रपति संभाजी महाराज के सबसे करीबी गनोजी और कान्होजी ने मुगल सम्राट औरंगजेब से हाथ मिलाकर मराठा शासक को धोखा दिया था। इस कारण उनकी मृत्यु हो गई। फिल्म की रिलीज के बाद, गनोजी और कान्होजी शिर्के के 13वें वंशज लक्ष्मीकांत राजे शिर्के ने निर्माताओं पर ऐतिहासिक तथ्यों की गलत व्याख्या कर उसे फिल्माने का आरोप लगाया है।
लक्ष्मीकांत राजे शिर्के ने एक बयान में कहा कि इससे परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, इसलिए हमने फिल्म निर्देशक को नोटिस जारी किया और उनके खिलाफ 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। 20 फरवरी को परिवार ने लक्ष्मण उतेकर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा और फिल्म में आवश्यक बदलाव करने का आग्रह किया।
जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण उतेकर ने इसके बाद वंशजों में से एक भूषण शिर्के से संपर्क किया और अनजाने में परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए उनसे माफी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म में गनोजी और कान्होजी दोनों के अंतिम नाम और गांव का नाम नहीं बताया गया, इससे उनकी मूल पहचान स्पष्ट नहीं होती।
निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने शिर्के से कहा कि ‘छावा में हमने केवल गनोजी और कान्होजी के नाम का उल्लेख किया है, उनके उपनाम का उल्लेख नहीं किया गया। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि वे किस गांव से ताल्लुक रखते हैं, इसका खुलासा न किया जाए। हमारा इरादा शिर्के परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर ‘छावा’ की वजह से किसी को असुविधा हुई है तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं।’ इस बीच, शिर्के परिवार ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया और उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।