Allegations of corruption in dam construction : कमलनाथ ने कहा कि बांध निर्माण की अनियमितता की जांच विशेषज्ञों से कराई जाए!

क्षेत्र के कांग्रेस MLA ने भ्रष्टाचार और तकनीकी अक्षमता का आरोप लगाया

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Bhopal : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने धार जिले में नवनिर्मित बांध में लीकेज की घटना पर निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ग्रामीणों की सुरक्षा के तत्काल उपाय किए जाएं और बांध निर्माण की विशेषज्ञों से जांच करवाई जाए। धरमपुरी क्षेत्र के कांग्रेस विधायक पाचीलाल मेढ़ा ने भी बांध निर्माण में अनियमितता के आरोप लगाए और जांच की मांग की।

कमलनाथ ने अपने बयान में कहा कि धार ज़िले में कारम नदी पर नवनिर्मित कोठिदा-भारुडपुरा डैम में लिकेज की ख़बर बेहद चिंताजनक है। 304 करोड़ की इस योजना में शुरू से स्थानीय ग्रामीणजनों व जनप्रतिनिधियो द्वारा भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण कार्य की शिकायत दर्ज करवायी जा रही थी।

लेकिन, शिकायतों की अनदेखी की गई, जिसके परिणाम स्वरूप पहली बारिश में ही यह लीकेज की घटना सामने आई है।

आदिवासी क्षेत्रों में चले रहे विभिन्न निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें निरंतर सामने आ रही है।

कमलनाथ ने कहा कि मैं सरकार से माँग करता हूँ कि डैम में लीकेज को देखते हुए सरकार सुरक्षा के तत्काल आवश्यक सभी कदम उठाए ताकि किसी भी तरह के नुक़सान व जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने मांग की है कि आसपास के गाँवो में विशेष सतर्कता बरतने व उन्हें सुरक्षित स्थानो पर पहुँचाने की तैयारी भी की जाए।

साथ ही इस नवनिर्मित डैम में भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की शिकायतों को देखते विशेषज्ञों का एक जाँच दल तत्काल गठित करने का निर्णय भी लिया जाए जो इस निर्माण कार्य की जाँच करे। साथ ही इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।

बांध निर्माण में तकनीकी अक्षमता

धरमपुरी के कांग्रेस विधायक पाचीलाल मेढ़ा ने कहा कि इस बांध को लेकर शुरू से ही अनियमितताएं होती रही है। इस बांध से डूब में आने वाले आदिवासी किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया और उन्हें जबरदस्ती यहां से गांव खाली करके हटाया गया। उसी का परिणाम है कि आज यह बांध टूटने की स्थिति में आ गया।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ठेकेदार का समय पूरा हो रहा था इसलिए जल्दबाजी में बांध में पानी भरा गया, जिससे यह स्थिति बनी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि कुंडा तालाब से काली मिट्टी लाकर इस बांध की पाल बांधी गई है।

तकनीकी रूप से इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि जब बांध में पानी भराएगा तो क्या स्थिति बनेगी। यह अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत का नतीजा है। उन्होंने मांग की है कि कि इस पूरे बांध निर्माण की जांच की जाना चाहिए और तकनीकी अक्षमता का दोषी कौन है यह भी पता लगाया जाए। मैं इस मामले को विधानसभा में भी उठाऊंगा।