

Allegations of Land Grabbing : जमीन की हेराफेरी के पुराने आरोपी रमेश शर्मा के खिलाफ फिर नई शिकायत, मामले की जांच जारी!
Ratlam : जमीन की हेराफेरी में डेढ़ साल जेल में रहकर आए कांग्रेस नेता रमेश शर्मा के खिलाफ फिर पुलिस में शिकायत की गई हैं। दस्तावेजों में हेराफेरी कर बगैर नामांतरण के प्लाट बेचने के मामले में रमेश शर्मा के विरुद्ध एसपी अमित कुमार, महापौर प्रहलाद पटेल और निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट को विश्वकर्मा जांगीड़ समाज अध्यक्ष जनक नागल ने की है। इससे पहले रमेश शर्मा पर समाज में अध्यक्ष पद पर रहते हुए 4 लाख रुपए की हेरा-फेरी का आरोप भी लग चुका है।
हाल ही में नया मामला और सामने आया जिसकी संबंधित विभाग में जांच जारी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और विश्वकर्मा जांगीड़ की शिकायत में बताया गया कि तत्कालीन नगर सुधार न्यास की योजना क्रमांक 35 कस्तूरबा नगर के प्लाट नंबर 386 का नामांतरण आवंटी की तस्दीक करने वाले दस्तावेज व रिकॉर्ड देखें बगैर कर दिया गया। जालसाजी के इस मामले में जनक नागल ने महापौर प्रहलाद पटेल, एसपी अमित कुमार तथा निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट को शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की मांग की हैं। नागल ने शिकायत में बताया कि प्लाट नंबर 386 जिसका बाजार मूल्य करीब 1 करोड़ रुपए से भी अधिक है। इसे जालसाजी करते हुए फर्जी दस्तावेज एवं मालिक तैयार कर उसकी रजिस्ट्री करवाकर रमेश शर्मा निवासी दीनदयाल नगर द्वारा विक्रय किया गया।
बद्रीलाल मालवीय पुत्र भेरुलाल मालवीय के नाम पर लीज पट्टा 1 अगस्त 1981 को जारी किया गया था। इसकी साइज 30 गुणा 50 वर्गफीट है। मौके पर जगह कम होने पर बद्रीलाल मालवीय द्वारा आपत्ति जताई तब उन्हें अन्य स्थान पर दूसरा प्लाट आवंटित कर दिया गया था। रमेश शर्मा ने विकास शाखा से 6 अप्रैल 2018 को इस प्लाट के लीज पट्टा की प्रति निकलवाकर फर्जी तैयार करवाकर 26 मई 2018 को मूल पट्टा गुम होने का शपथ पत्र बनवाया। इसमें बद्रीलाल ने अपने मोबाइल नंबर नहीं लिखे और शपथ पत्र पर पहचानकर्ता रमेश शर्मा निवासी दीनदयाल नगर का नाम है। शपथ पत्र के साथ 26 मई को ही स्टेशन रोड थाने पर आवेदन दिया और उसी दिन बुक नंबर 410 रसीद नम्बर 91 पर बद्रीलाल मालवीय के नाम नामांतरण भी करवा लिया।
यह मामला 1 करोड़ रुपए की जमीन की जालसाजी का हैं जिसमें आरोपी रमेश शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेज करवाकर उसकी रजिस्ट्री करवाकर बेचने का आरोप है। जिसकी जालसाजी के समूचे दस्तावेज संलग्न हैं।
सूत्र बताते हैं कि आरोपी शर्मा के विरुद्ध शहर के दीनदयाल नगर थाने पर जमीनी 3 मामले में भी शिकायत पहुंची हैं। इसके अलावा शर्मा के सहयोगी मामले की जांच के आदेश के बाद भूमिगत हो गए।
मामले में एसपी अमित कुमार ने नागल की शिकायत की जांच सीएसपी को सौंपी हैं, वहीं निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट ने बगैर तथ्यात्मक दस्तावेज के नामांतरण करने में निगम अमले की भूमिका को संदिग्ध बताया। जब रमेश शर्मा से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल पर बात करने से इंकार करते हुए सामने से मिलकर जानकारी देने की बात कही!