Allegations of Sexual Harassment : रीवा के संजय गांधी अस्पताल में नर्सिंग छात्राओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न, डॉक्टर पर गंभीर आरोप!

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Allegations of Sexual Harassment : रीवा के संजय गांधी अस्पताल में नर्सिंग छात्राओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न, डॉक्टर पर गंभीर आरोप!

 

मामले की जांच महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न के तहत गठित समिति करेगी!

 

Reeva : संजय गांधी अस्पताल में नर्सिंग की द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने ईएनटी विभाग के डॉ अशरफ पर लैंगिक उत्पीड़न, दुर्व्यवहार सहित कई गंभीर आरोप लगाए। छात्राओं ने सामूहिक रूप से इसकी शिकायत दर्ज कराई है। मामला उजागर होने के बाद नर्सिंग छात्रों की सुरक्षा को लेकर प्राचार्य ने वार्ड में उनके जाने पर रोक लगा दी। साथ ही डीन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।

संजय गांधी अस्पताल के ईएनटी विभाग के डॉक्टर से नर्सिंग छात्राओं को खतरा लग रहा है। बीएससी नर्सिंग की 80 छात्राओं ने लिखित में डॉ अशरफ के खिलाफ शिकायत की है। छात्राओं की दलील है कि डॉ अशरफ छात्राओं के साथ गंदा व्यवहार करते हैं। छात्रों ने उनके व्यवहार से खुद को असुरक्षित बताया है। पत्र में कहा गया है कि डॉ अशरफ का व्यवहार कई मर्तबा छात्राओं को मानसिक रूप से अपमानित करने वाला रहा है।

छात्राओं ने शिकायत में कहा कि उनका व्यवहार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा है। डॉ अशरफ के व्यवहार के कारण क्लीनिकल लर्निंग वातावरण को भी प्रभावित कर रहा है। इस वार्ड में ही कुछ दिन पूर्व महिला मरीज की नाबालिग अटेंडर ने गैंगरेप के संगीन आरोप लगाए थे। इस घटना में हॉस्पिटल के वार्ड बॉय पर कार्रवाई की गई।

 

जांच आंतरिक परिवाद समिति को सौंपी

अब नर्सिंग छात्राओं का मामला सामने आने के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया है। इसकी शिकायत छात्राओं ने लिखित में कॉलेज की प्राचार्य से की थी। प्राचार्य ने सभी छात्राओं को विभाग में जाने से रोक दिया है। शिकायत के बाद कॉलेज प्रबंधन ने गंभीरता दिखाते हुए डीन डॉ सुनील अग्रवाल को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। इसके बाद डीन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि यह मामला महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के तहत आता है, इसलिए इसकी जांच आंतरिक परिवाद समिति को सौंपी गई। इस समिति की अध्यक्षता नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। शशि जैन कर रही हैं। जबकि, अन्य सदस्य डॉ नीरा मराठे (पीएसएम), स्टाफ नर्स रीना पटेल और अशासकीय सदस्य कमलेश सचदेवा (खुशी फाउंडेशन) हैं। समिति को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।