Amazing Fraud in Dhar : ‘संभल योजना’ के तहत दो ग्रामीणों को मृतक दिखाकर जालसाजों ने निकाले ₹6 लाख हड़पे!

जब सोशल ऑडिट टीम कागजों पर दर्ज मृतकों के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंची तब असलियत पता चली!

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Amazing Fraud in Dhar : ‘संभल योजना’ के तहत दो ग्रामीणों को मृतक दिखाकर जालसाजों ने निकाले ₹6 लाख हड़पे!

 

धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : जिंदा लोगों को कागज़ों में मृत दिखाकर शासकीय योजना की 6 लाख रुपए की राशि निकाल ली गई। बड़ी बात यह है कि कागजों में मृत दिखाए गए पीड़ितों को फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं लगी। यह मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस चौंकाने वाले फर्जीवाड़े ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। लाखों रुपए का यह फर्जीवाड़ा संभल योजना के तहत किया गया। पीड़ितों को फर्जीवाड़े का पता तब चला जब सोशल ऑडिट की टीम कागजों में मृतकों के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंच गए।
मामला धार जिले की मियापुरा ग्राम पंचायत के मगजपुरा गांव का है, जहां शौकत पटेल और अशरफ पटेल नामक दो ग्रामीणों को संभल योजना के तहत मृतक दिखाकर जालसाजों ने उनके नाम पर पहले 2 लाख रुपए फिर उसके बाद 4 लाख रुपए निकाल लिए। जालसाजों ने दोनों ग्रामीणों को मृत दिखाकर कुल 6 लाख रुपए की शासकीय सहायता राशि डकार ली।
पीड़ित शौकत और अशरफ तब हैरान रह गए, जब सोशल ऑडिट टीम के सदस्य अनिल उनके घर पहुंचे और पूछा कि आपके परिवार में जो लोग मरे थे, उनकी सहायता राशि मिली या नहीं? यह बात सुनकर दोनों ग्रामीणों का सिर चकरा गया और कुछ ऐसा ही हाल सोशल ऑडिट टीम के सदस्यों का हुआ। क्योंकि, दोनों ग्रामीण जीवित सामने खड़े थे।
पीड़ित शौकत और अशरफ तब हैरान रह गए, जब सोशल ऑडिट टीम उनके घर पहुंची और पूछा कि आपके परिवार में जो लोग मरे थे, उनकी सहायता राशि मिली या नहीं? यह सुनकर दोनों का सिर चकरा गया और कुछ ऐसा ही हाल सोशल ऑडिट टीम के सदस्यों का भी हो गया। सरकारी रिकॉर्ड में शौकत और अशरफ पटेल के नाम पर जालसाजों ने निकाले 6 लाख रुपए
सोशल ऑडिट टीम के सदस्यों के सवालों से घबराए दोनों पीड़ित जनपद पंचायत पहुंचे, तो जानकारी सही निकली। सरकारी रिकॉर्ड में शौकत पटेल के नाम पर 2 लाख रुपए और अशरफ पटेल के नाम पर 4 लाख रुपए की राशि साल 2022 में ही निकाल ली गई थी। बड़ी बात यह कि लाखों रुपए बिना उनकी जानकारी और बिना दस्तावेज सत्यापन के निकाले गए थे।
पीड़ित शौकत और अशरफ पटेल ने कलेक्टर से घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पीड़ित शौकत और अशरफ पटेल ने घोटाले की पुष्टि के बाद कहा कि, हम आज भी जिंदा हैं, फिर भी हमारे नाम पर फर्जी तरीके से पैसे निकाल लिए गए, हमें इसका कोई पता नहीं चला। पीड़ितों का कहना है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जनसुनवाई में पहुंचे पीड़ितों ने कलेक्टर से घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
सरकारी रिकॉर्ड में जालसाजों ने शौकत पटेल के नाम पर 2 लाख रुपए और अशरफ पटेल के नाम पर 4 लाख रुपए की राशि निकाले थे। पैसा 2022 में ही निकाल लिए गए थे। बड़ी बात है कि लाखों रुपए बिना उनकी जानकारी और बिना किसी दस्तावेज सत्यापन के निकाले गए थे। संभल योजना के तहत फर्जीवाड़े ने पंचायत स्तर पर होने वाले घोटालों की पोल खोल दी।

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उल्लेखनीय है संभल योजना के तहत हुए फर्जीवाड़े ने पंचायत स्तर पर होने वाले फर्जीवाड़ों की पोल खोल दी। सवाल यह है कि क्या यह केवल एक मामला है या ऐसे और भी कई जिंदा लोग सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिए गए हैं और उनके नाम पर लाखों रुपए निकाल जा चुके हैं। सबसे अहम बात, यह खेल किसकी मिलीभगत से खेला गया?